हरि अग्रहरि, भोपाल: केंद्रीय कैबिनेट ने मध्यप्रदेश में रेल मंत्रालय की 7 हजार 927 करोड़ रुपए लागत की 3 मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे रेल लाइन के विस्तार से धार्मिक, सांस्कृतिक एवं इको पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। इस पहल से प्रदेश में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (खंडवा), खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, असीरगढ़ किला और रीवा किला जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में तीन परियोजनाओं को मंजूरी देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरी केन्द्रीय कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में रेलवे के बढ़ते नेटवर्क से प्रदेश विकास पथ पर तीव्र गति से अग्रसर है। प्रदेशवासियों के लिए आवागमन भी तीव्र गति से सुगम हुआ है। उन्होंने कहा कि मप्र को मिल रही नित नई सौगातों के लिए प्रदेशवासी प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आभारी हैं।

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मप्र सहित महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के 7 जिलें होंगे कवर 
केंद्रीय मंत्री-मंडल ने रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी लागत 7 हजार 927 करोड़ रुपए है। इनमें जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी), भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी) तथा प्रयागराज (इरादतगंज) मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी) शामिल हैं। ये परियोजनाएं 3 राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 7 जिलों को कवर करेंगी। इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 639 किमी की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही निर्माण अवधि के दौरान लगभग एक लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे। इससे कोयला परिवहन और यात्री ट्रेनों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। इन रेल लाइनों के बन जाने से मालगाड़ी के यात्रा समय में कमी करने में भी मदद मिलेगी।

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तीर्थ यात्रियों, प्रकृति प्रेमियों को मिलेगा लाभ 
स्वीकृत परियोजना खंडवा और चित्रकूट जैसे 2 आकांक्षी जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिससे लगभग एक हजार 319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी को सेवा मिलेगी। मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी रूट पर अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन को सक्षम करके कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। नासिक (त्र्यंबकेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) के ज्योतिर्लिंग के साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा। अजंता और एलोरा गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, यावल वन्यजीव अभयारण्य, केवटी फॉल्स और पुरवा फॉल्स आदि जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से प्रकृति प्रेमियों और इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटकों को भी सुविधा होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।