Ken-Betwa Link Project: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 45 हजार करोड़ की राशि जारी कर दी। यह देश की पहली नदी जोड़ा परियोजना है। इससे MP-यूपी के बुंदलेखंड में बाने वाले कई जिलों को फायदा होने का अनुमान है। 

नदी जोड़ो परियोजना की परिकल्पना दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी, लेकिन तत्कालीन परिस्थियों के चलते वह इसे मूर्तरूप नहीं दे पाए। मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में भी कोई खास काम नहीं हुआ। लेकिन मोदी सकरार ने इसे क्रांतिकारी बदलाव मानते हुए न सिर्फ प्रोजेक्ट को मंजूरी दी, बल्कि राशि भी जारी कर दी। 

केन-बेतवा लिंक परियोजना में मप्र में स्थित दो नदियों केन और बेतवा को आपस में जोड़कर बुंदेलखंड का जलसंकट दूर करने का प्रयास है। इससे विद्युत उत्पादन और वाटर स्पोर्ट्स, वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की योजना भी शामिल हैं। 

अगले माह शिलान्यास 
केंद्र सरकार ने केन बेतवा लिंक परियोजना के लागत की 90 प्रतिशत राशि जारी कर दी है। अब एमपी और यूपी दोनों राज्य सरकारों को बकाया पांच-पांच प्रतिशत राशि देनी होगी। राज्यों से 10 फीसदी राशि मिलने के साथ ही परियोजना से जुड़े जमीनी कार्य शुरू हो जाएंगे। अगले माह प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रस्तावित है।

इन जिलों को फायदा 
केन बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिले जबकि,  उत्तर प्रदेश के  बांदा, झांसी, महोबा और ललितपुर जिले को प्रत्यक्ष तौर पर लाभ होगा। जबकि, इनसे लगे सतना चित्रकूट, ग्वालियर जैसे जिलों को भी अप्रत्यक्ष तौर पर कुछ न कुछ फायदा होगा। सबसे बड़ा लाभ बुंदेलखंड में सूखे की मार झेल रहे किसानों को होगा। उत्पादन के साथ उनकी आय बढ़ने की भीं संभावना है।