MP News: मध्य प्रदेश में वाहनों से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों पर नियंत्रण के लिये परिवहन विभाग ने वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों की व्यवस्था की है। विभाग ने प्रदेश में संचालित 288 जांच केन्द्रों को एनआईसी के पीयूसीसी पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया है। इस व्यवस्था से पारदर्शी तरीके से वाहनों के उत्सर्जन मानकों की जांच की जाकर वाहन मालिकों को ऑनलाइन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग की इस व्यवस्था से ऑनलाइन पीयूसीसी जारी होने से डाटा, वाहन पोर्टल पर सीधे प्रदर्शित होने लगा है।
6 महीनों में एक लाख से अधिक वाहनों की हुई जांच
इस व्यवस्था से वाहन मालिकों को सुविधा मिली है। चेकिंग अधिकारी की ओर से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की मांग किए जाने पर वाहन मालिकों की ओर से प्रमाण-पत्र ऑनलाइन दिखाए जा रहे हैं। इस वर्ष एक मई 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक 6 महीनों में एक लाख 8 हजार से अधिक वाहनों की जांच की गई है। इसमें 3 हजार 789 वाहन प्रदूषण के मामले में दोषी पाए गए हैं। मोटरयान अधिनियम में शासकीय एवं व्यवसायिक वाहन सहित प्रत्येक वाहन को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। प्रदेश में परिवहन एवं यातायात पुलिस के सक्षम अधिकारियों की ओर से इसकी नियमित रूप से जांच की जा रही है।
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रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रेपिंग फेसिलिटी
परिवहन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से समस्त सरकारी वाहनों को 15 वर्ष के बाद रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रेपिंग फेसिलिटी (आरव्हीएसएफ) के माध्यम से स्क्रेप कराया जाना अनिवार्य किया है। परिवहन विभाग ने आरव्हीएसएफ के माध्यम से लोगों के अपने निजी वाहन स्क्रेप किए जाने पर और उसके बाद नवीन वाहन क्रय करने पर 15 प्रतिशत और गैर परिवहन वाहन के लिए 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। प्रदेश में भोपाल जिले में 3, इंदौर और ग्वालियर जिले में 1-1 कुल 5 रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रेपिंग फेसिलिटी केन्द्र काम कर रहे हैं।