Bhopal: 2 अक्टूबर (बुधवार) की रात लगभग 9:13 बजे भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण की एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होगी। हालांकि, इस सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन अर्जेंटीना और चिली में इसे वलयाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इसके अलावा, फिजी, उरुग्वे, ब्राज़ील और पेरू जैसे देशों में इस सूर्यग्रहण का आंशिक रूप दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना रात 3:17 बजे समाप्त होगी।

सूर्यग्रहण: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस ग्रहण के बारे में बताया कि सूर्यग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। इस स्थिति में, कुछ देशों में सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा, जिससे सूर्य का पूरा भाग दिखाई नहीं देगा। इस बार, चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 4,02,300 किलोमीटर दूर होगा, जिसके कारण वह सूर्य की पूरी डिस्क को ढक नहीं पाएगा। इस स्थिति में, सूर्य के बीच का हिस्सा काला दिखेगा, लेकिन चारों ओर का चमकता हुआ हिस्सा 'रिंग ऑफ फायर' के रूप में नजर आएगा।

वलयाकार और आंशिक सूर्यग्रहण
इस सूर्यग्रहण का मुख्य आकर्षण वलयाकार रूप में अर्जेंटीना और चिली में दिखाई देगा, जबकि अन्य देशों में इसे आंशिक रूप में देखा जा सकेगा। गणितीय अनुमानों के अनुसार, इस ग्रहण का कुछ न कुछ हिस्सा विश्व की जनसंख्या का लगभग 3.08 प्रतिशत लोग देख पाएंगे, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण को केवल 0.002 प्रतिशत लोग ही देख सकेंगे।

भारत में सूर्यग्रहण का करना होगा 2027 तक इंतजार
सारिका ने जानकारी दी कि जो लोग भारत में सूर्यग्रहण देखना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए 2 अगस्त 2027 तक का इंतजार करना होगा। उस दिन, मध्यप्रदेश सहित भारत के कई हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखाई देगा, जो लगभग 1 घंटे 24 मिनट तक रहेगा।