ASER report 2024: मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट फोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है। खासकर, स्टूडेंट्स में डिजिटल माध्यम काफी लोकप्रिय हैं। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन (असर) रिपोर्ट के अनुसार, MP के 87 फीसदी घरों में स्मार्ट फोन उपलब्ध हैं। 79.4 फीसदी परिवारों में मोबाइल का उपयोग बच्चे करते हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के 62 फीसदी से अधिक बच्चे सेफ्टी फीचर्स की उपयोगिता समझते हैं। 62.6 प्रतिशत बच्चे प्रोफाइल ब्लाक और रिपोर्ट करना जानते हैं। जबकि, 56 प्रतिशत प्रोफाइल प्राइवेट करने में सक्षम हैं। 71.5 प्रतिशत बच्चों को अलार्म लगाना, 80.8 प्रतिशत ऑनलाइन जानकारी खोजना, 84 यूटूयब इस्तेमाल करना और 90 फीसदी बच्चे वीडियो सर्च करने में सक्षम हैं। 

6 लाख 49 हजार 491 बच्चों से हुई बात 
प्रथम संस्था ने द एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 जारी की है। इसमें मध्य प्रदेश सहित देश के 26 राज्यों में शिक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की गई है। इसके लिए संस्था असर की टीम 605 जिलों के 17 हजार 997 गांवों में 6 लाख 49 हजार 491 बच्चों तक पहुंची। सर्वेक्षण में 3 वर्ष से 16 वर्ष तक बच्चे शामिल किए गए हैं। इसमें मप्र के 50 जिलों के 1432 स्कूलों का दौरा किया गया। वहीं 59 हजार 53 बच्चों तक संस्था पहुंची है। 

बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी 
रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों में नामांकन, विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति में इजाफा हुआ है। जहां 2010 में प्रदेश में 2018 में 55.8, 2022 में 56.8 और 2024 में 57.8 प्रतिशत नामांकन पहुंचा है। वहीं शिक्षकों की उपस्थिति 87.9 प्रतिशत दर्ज की गई। जबकि 2018 में स्थिति 85.7 और 2022 में 85.1 फीसदी रही है। शीरीरिक शिक्षा के आंकड़े भी 71.4 से बढ़कर 79.9 फीसदी तक पहुंच गए। हालांकि खेल उपकरण की उपलब्धता में 2022 के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। 2022 में आंकड़ा 81.8 फीसदी व 2024 में 69.7 फीसदी उपलब्धता दर्ज की गई है। 

62.4 फीसदी स्कूलों में चारदीवारी 
मप्र के स्कूलों में 62.4 फीसदी स्कूलों में चारदीवारी है। 2010 के मुकाबले यह संख्या लगभग दोगुनी है। 2018 में 44.7, 2022 में 61.3 और 2024 में 62.4 फीसदी स्कूलों में चारदीवारी दर्ज की गई है। वहीं छात्र-शिक्षक अनुपात जहां 2022 में 54.1 प्रतिशत था, वह अब 2024 में 60.7 है। कक्षा-शिक्षक अनुपात 2022 में 64.6 प्रतिशत था, वहीं अब 70.4 फीसदी है। 

बेटियों के लिए 58.9 स्कूलों में शौचालय उपलब्ध
2010 के मुकाबले स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालयों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2010 में जहां 28.9, 2018 में 56.5, 2022 में 55.1 और 2024 में 58.9 फीसदी आंकड़ा दर्ज किया गया है। स्कूलों में पेयजल के मामले में 2022 के मुकाबले 2024 में 1.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 70.7 प्रतिशत आंकड़ा दर्ज किया गया है। 

खेल मैदान बढ़े, गणित में हुआ सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के स्कूलों में खेल के मैदान की उपलब्धता भी बढ़ी है। 2010 में जहां 61.1, 2018 में 69.2, 2022 में 74.2 और अब 2024 में 75.1 स्कूलों में खेल का मैदान है। प्रदेश के अधिकतर बच्चों के बुनियादी पढ़ने और गणित दोनो स्तरों में सुधार हुआ है। यह बदलाव काफी हद तक सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्वि के कारण है।