Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। 4 दिन के अंदर यहां 10 हाथी अपनी जान गंवा चुके हैं। विभागीय अधिकारी जांच के लिए बांधवगढ़ पार्क पहुंचे, लेकिन मौतों की वजह स्पष्ट नहीं हो पाईं। 

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हाथियों के मौत की जांच के लिए वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) दिल्ली ने SIT गठित की है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने भी घर और खेतों की तलाशी ली है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में हाथियों की मौत वजह जहरखुरानी सामने आई है। जहर किसने और कैसे दिया? यह जानकारी जुटाई जा रही है।

Bandhavgarh Tiger Reserve Umaria

खितौली-पतौर रेंज में 13 में से 10 हाथी मरे
नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी (एनटीसीए) सेंट्रल जोन के AIG नंदकिशोर काले अन्य अफसरों के साथ बांधवगढ़ नेशनल पार्क में डेरा डाले हुए हैं। बताया कि खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुंड में से 10 की मौत हो गई है। अभी 5 किमी के दायरे में जांच की जा रही है। पार्क आने-जाने वालों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। 

अचानक बेहोश होकर गिरे हाथी
वन विभाग के मुताबिक, खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों का झुंड रहता था। इनमें से 10 हाथियों की मौत हो गई। 100 से 200 मीटर के एरिया में वह अचानक बेहोश होकर गिर गए। पोस्टमार्टम के बाद बिसरा सैंपल जबलपुर स्थित स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ भेजा है।

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जलस्रोतों और खेतों की जांच 
NTCA  की टीम ने आसपास के नदी तालाबों सहित अन्य जलस्रोतों के पानी की जांच कराई है। शिकारियों पर भी आशंका है। फिलहाल, पता लगाया जा रहा है कि हाथियों किस कीटनाशक के कारण हुई है। पार्क से लगे खेतों की भी जांच पड़ताल की जा रही है। फसल को बचाने के लिए किसी ने जहर तो नहीं रखा।  

NTCA को पत्र, 2022 के मामले में कार्रवाई की मांग 
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने NTCA के सचिव को पत्र लिखा है। बताया, 2022 में बांधवगढ़ के पनपथा रेंज में  एक हाथी का शिकार हुआ था। इसमें कई वनकर्मी आरोपी बने, लेकिन 2 पर कार्रवाई नहीं हुई। एसडीओ फतेह सिंह निनामा आज भी पनपथा अभ्यारण के अधीक्षक और लावित भारती अन्य जगह सेवारत हैं।