Bhopal AIIMS News: भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में डॉक्टरों ने 2 किडनी ट्रांसप्लांट किए। पहले केस में पत्नी ने अपनी किडनी देकर पति की जान बचाई। वहीं, दूसरे मामले में पिता ने अपने पुत्र को किडनी देकर नया जीवन दिया। 

भोपाल एम्स में अब तक 3 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। पहला किडनी ट्रांसप्लांट जनवरी 2024 में किया गया था। 2 किडनी ट्रांसप्लांट बीते सप्ताह किए गए हैं। उनमें से एक मरीज रीवा से जबकि दूसरा भोपाल से है और दोनों ही मरीजों की बेहतर रिकवरी हो रही है। चिकित्सकों की टीम को एम्स निदेशक डॉ. अजय सिंह ने सराहा है और गंभीर मामलों में अपनी प्रतिबद्वता के लिए बधाई दी है।

इन्होंने अपने बेटे को किडनी डोनेट कर जान बचाई।

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15 लाख का काम सिर्फ तीन लाख में
एम्स से मिली जानकारी अनुसार, यहां किडनी प्रत्यारोपण की औसत लागत 3 से 4 लाख के बीच है, जो निजी अस्पतालों में 15 से 20 लाख की तुलना में काफी कम है। इसके अलावा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों का इलाज मुफ्त किया जाता है। एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ये सफल किडनी प्रत्यारोपण हमारी मेडिकल टीम की निष्ठा, कौशल और परिश्रम का प्रमाण है। 

कई जांचों के बाद लिया प्रत्यारोपण का फैसला
एम्स के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ महेंद्र अटलानी ने कहा- इन प्रत्यारोपणों की सफलता केवल शल्य कौशल की बात नहीं है, बल्कि इसमें सटीक पूर्व-ऑपरेटिव योजना और समर्पित पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल भी शामिल है। हमारी टीम एक समन्वित तरीके से काम करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हर मरीज की बेहतर देखभाल की जा सके। इस ट्रांसप्लांट टीम में यूरोलॉजिस्ट डॉ. देवाशीष कौशल, डॉ. केतन मेहरा और डॉ. माधवन शामिल थे।