Swami Avdheshanand: 'प्रभु प्रेमी संघ' भोपाल शाखा का स्थापना दिवस शुक्रवार (15 नवंबर) को धूम-धाम से मनाया गया। जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिष्यों ने कार्तिक पूर्णिमा पर भोपाल में पटोत्सव (एक शाम सद्गुरु के नाम) कार्यक्रम का आयोजन कर समा बांध दिया। श्यामला हिल्स स्थित मानस भवन में हुए भव्य आयोजन में भक्ति की बयार बही।
संगीतमय सुंदरकांड की धुन में भक्त डूबे रहे। भजनों पर जमकर झूमे-नाचे। भजन संध्या के बाद 1100 दीपों से महाआरती हुई। भंडारा प्रसाद पाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। 

swami Avdeshanand

संगीतमय सुंदरकांड सुनकर मंत्र मुग्ध हुए लोग 
प्रभु प्रेमी संघ भोपाल शाखा के कोषाध्यक्ष पंडित राम बहोरी शुक्ला ने बताया कि परम पूज्य सद्गुरुदेव की चरण पादुका का पूजन कर आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में शिष्य पहुंचे। संगीतमय सुंदरकांड का पाठ सुनकर मंत्र मुग्ध हो गए।  आशाराम त्रिपाठी ने 3.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक भजन की प्रस्तुति दी। भगवान के गीतों पर लोग जमकर झूमे। महाआरती के बाद भंडारा प्रसाद बांटा गया। रात 10 बजे कार्यक्रम का समापन होगा।  

Swami Avdeshanand

महाकुंभ में सजेगा जूना अखाड़ा का विशाल पंडाल 
कार्यक्रम में महाकुंभ के बारे में जानकारी साझा की गई। कुंभ मेले में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर का विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। यहां सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं होंगी। पंडाल में ठहरने के लिए एडवांस बुकिंग की जा सकती है।   

हमें गुरु के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए
पंडित राम बहोरी शुक्ला ने कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र सुनाएं। पंडित शुक्ला ने कहा कि गुरु अवधेशानंद कहते हैं कि अध्यात्म की यात्रा अनंतता की यात्रा है, स्वयं की ओर मुड़ने की यात्रा है। हमारी यात्रा सही दिशा में और सही गति के साथ है या नहीं इसके लिए हमने मार्गदर्शक चाहिए। वह मार्गदर्शक है गुरु। हमें गुरु के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए। तभी जीवन की यात्रा सिद्ध होगी।

Swami Avdheshanand

जो व्यक्ति ज्ञान सिद्ध है, विचार सिद्ध है
पंडित राम बहोरी शुक्ला ने आगे कहा कि गुरु स्वामी अवधेशानंद गिरी कहते हैं कि ज्ञान सबसे बड़ा साधन है और यही तप का एक बड़ा हेतु है। जो व्यक्ति ज्ञान सिद्ध है, विचार सिद्ध है, वाणी सिद्ध है, वही तपस्वी है। ज्ञान से ही हम मुक्त होते हैं। ज्ञान से चिंता, भ्रम-भय, जड़ता, आलस और तनाव दूर होता है। ज्ञान से बड़ा कोई पथ नहीं है।