भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोहन यादव ने कहा कि देश का इतिहास है कि जब किसी पर कोई आरोप लगता है तो वो सबसे पहले अपना इस्तीफा देता है। जब तक आरोप से बरी न हो जाए, तब तक वो अपना दायित्व नहीं लेता। मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। आज तक कभी ऐसा समय नहीं आया। पद का इतना मोह, लोभ केजरीवाल जी को शोभा नहीं देता।

पार्टी के ही दो-दो मंत्री इसी आरोप में जेल में बंद हैं 
मोहन यादव ने आगे कहा कि मैं मान कर चलता हूं कि लोकतंत्र में अगर किसी के ऊपर अंगुली उठ रही है और उसके ही पार्टी के ही दो-दो मंत्री इसी आरोप में जेल में बंद हैं। जिन्हें लगातार प्रयास करने के बाद भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली। शराब कांड के मामले में जब केजरीवाल के पास 9-9 बार समन गए वो हाईकोर्ट गए और जब हाईकोर्ट ने रिलीफ नहीं दी, तो ऐसे में स्वतः इस्तीफा देकर पहले अपने ऊपर लगे आरोप को फेस करते और बरी होने के बाद वो अपनी सरकार चलाते। 

लाल बहादुर शास्त्री से लेकर आडवाणी तक ने दिया था इस्तीफा 
सीएम मोहन यादव ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक किसी ने अपना दायित्व नहीं लिया। उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का जब एक डायरी में झूठा नाम आया था तो उन्होंने तुरंत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। यहां तक कि सांसद पद से भी इस्तीफा दिया और कोर्ट को फेस किया। कोर्ट को फेस करने के बाद ही ये तय हुआ कि लालकृष्ण पार्टी का चुनाव लड़ें। लालकृष्ण चुनाव लड़े और बाद में पदाधिकारी हुए। 

आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को ईडी ने किया था गिरफ्तार 
बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आबकारी नीति मामले में गुरुवार को गिरफ्तार किया था। दो घंटे तक चली पूछताछ के बाद केजरीवाल को लेकर ईडी ऑफिस पहुंची। शुक्रवार को ईडी केजरीवाल को कोर्ट PMLA कोर्ट में पेश करेगी। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच सुनवाई कर रहा है।