CM Mohan Yadav Bengaluru Visit: मध्यप्रदेश खनिज संपदा से परिपूर्ण है। हीरा, कोयला, लौह अयस्क और लाइमस्टोन की यहां भरपूर उपलब्धता है, जो MP के औद्योगिक विकास और आर्थिक प्रगति में बेहद अहम है। मुख्यमंत्री मोहन यादव खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने बेंगलुरू में दो दिवसीय इनवेस्टर मीट करने जा रहे हैं। 8 अगस्त को वह कर्नाटक के प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद करेंगे। मप्र को पारदर्शी मिनरल आक्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। 

17 कोल ब्लॉक की नीलामी 
मध्यप्रदेश में एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन मैंगनीज के 33 ब्लॉक की नीलामी होनी है। 17 कोल ब्लॉक भी ऑक्शन की प्रक्रिया में है। मैंगनीज, डायमंड बॉक्साइट, लेटराइट, गोल्ड, बेस मेटल और लाइमस्टोन के कुछ ब्लॉक भी आक्सन की प्रक्रिया में हैं। गत वर्ष एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ, जो अब तक का रिकॉर्ड है।

कोयला उत्पादक में चौथा स्थान 
मध्यप्रदेश में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट की पर्याप्त उपलब्धता है। कोयला उत्पादक में मप्र देश का चौथा प्रमुख राज्य है। सीधी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर में कोयले के भरपूर भंडार हैं। थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स की काफी संभावनाएं हैं।

लाइम स्टोन से बढ़ सीमेंट उद्योग 
मध्य प्रदेश में चूना पत्थर का भरपूर भंडार है। रीवा, सतना, सीधी, मैहर, दमोह, कटनी पन्ना, धार और नीमच में देश के कुल लाइमस्टोन का 9% भंडार उपलब्ध हैं। यही कारण है कि सीमेंट उद्योग के लिहाज से मध्यप्रदेश काफी अनुकूल है। लॉजिस्टिक क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है। देश के सभी राज्यों का बेहतर कनेक्टविटी है। 

90% डायमंड भंडार MP में 
देश में उपलब्ध डायमंड भंडार का 90% मध्यप्रदेश में पाया जाता है। यह अकेले पन्ना और छतरपुर में है। यहां डायमंड बिजनेस पार्क और और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक की पहचान की गई है।

सेरेमिक, पॉटरी और टाइल्स उद्योग 
मध्यप्रदेश पायरोफ्लाइट उत्पादन में भी अग्रणी है। देश के कुल उत्पादन का 41% पायरोफ्लाइट मप्र में निकलता है। सर्वाधिक 14 मिलियन टन भंडार मध्यप्रदेश में है, जो छतरपुर, शिवपुरी और टीकमगढ़ में हैं। सेरेमिक, पॉटरी, पोर्सलिन और टाइल्स उद्योगों के लिए लाभकारी निवेश स्थान हैं।