सचिन सिंह बैस, भोपाल: मध्य प्रदेश के वनों की सुरक्षा करने वाले वन कर्मियों पर पुलिस सीधे मामला दर्ज नहीं कर सकेगी। वन कर्मियों पर मामला दर्ज करने से पहले कलेक्टर मामले की जांच करेंगे। गृह विभाग के निर्देशपर पुलिस मुख्यालय ने इसके आदेश प्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारियों को जारी कर दिए हैं। वन कर्मचारी मंच ने शासन के निर्णय कर स्वागत किया है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि सिरोंज गोली कांड के बाद पुलिस ने वन कर्मचारी वनपाल के विरुद्ध 302 की एफआईआर दर्ज कर ली थी तथा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि शासन के आदेश थे कि भले वन कर्मचारी ने गोली चलाई हो या सुरक्षा की दृष्टि से हमला किया हो, फिर भी बिनाकलेक्अर जांच के एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। लेकिन प्रदेश के पुलिस अधिकारी उक्त निदोर्षों का पालन नहीं कर रहे थे।
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अशोक पांडे ने कहा कि वन माफिया द्वारा वन कर्मचारी के ऊपर हमले के दौरान यदि वन कर्मचारी शास्त्र का प्रयोग कर गोली चला देता था तो उसके खिलाफ तत्काल थाने में एफआईआर दर्ज हो जाती थी अब गृह विभाग के नए आदेश के बाद वन कर्मचारी के विरुद्ध पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर पाएगी। शासन का निर्णय वन के हित में है। आदेश के कड़ाई से पालन होने से वनों व वन प्राणियों की रक्षा होगी और वन माफिया पर अंकुश लगेगा।