Rewa News: रीवा के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां ऑपरेशन के दौरान दी गई गलत दवाई के कारण पांच प्रसूता महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से एक महिला की हालत नाजुक बनी हुई है। उनकी याददाश्त पर गहरा असर पड़ा है, जिससे वे खुद को या अपने परिजनों को पहचानने में असमर्थ हो गई हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि वे ठीक से पलक तक नहीं झपका पा रही हैं।

परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप 
मरीजों के परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान उन्हें दिए गए इंजेक्शन के बाद ही उनकी हालत बिगड़नी शुरू हुई। लक्ष्मी गुप्ता के पति अंबुज गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी को 27 तारीख को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। भर्ती के समय वह पूरी तरह होश में थीं और बातचीत कर रही थीं। लेकिन ऑपरेशन के बाद दी गई दवाओं और इंजेक्शनों के कारण उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो गई। अब वह किसी को पहचान नहीं पा रही हैं।

एक ही ऑपरेशन थियेटर में भर्ती सभी महिलाओं पर असर
चौंकाने वाली बात यह है कि यह समस्या केवल एक महिला के साथ नहीं बल्कि सभी महिलाओं के साथ हुई, जिनका ऑपरेशन उसी समय किया गया था। परिजनों में डर और गुस्से का माहौल है, क्योंकि इन महिलाओं की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

अस्पताल अधीक्षक ने क्या कहा?
गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि यह समस्या एक खास इंजेक्शन ‘व्यूपी बेकेनिक रिस्थैटिक’ के रिएक्शन के कारण हुई है। इस इंजेक्शन के इस्तेमाल को तुरंत रोक दिया गया है और मरीजों का इलाज जारी है। उन्होंने दावा किया कि सभी खतरे से बाहर हैं और जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल
इस गंभीर लापरवाही के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सवाल यह उठता है कि क्या अस्पताल प्रशासन की यह लापरवाही महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती है? परिजनों की मांग है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।