भोपाल (सचिन सिंह बैस): एमबीबीएस छात्र बेहतर तरीके से पाठ्यक्रम समझ सकें, इसके लिए उन्हें मेडिकल की हिंदी किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक फर्स्ट ईयर के तीन सबजेक्ट की किताबें छात्रों को मिली थी। चिकित्सकों से लेकर छात्रों का कहना है कि हिंदी की किताबों से पहले साल पढ़ाई में काफी लाभ हुआ। अब इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, एमबीबीएस की सेकेंड और थर्ड ईयर की किताबें भी छात्रों के लिए जल्द मार्केट में उपलाब्ध होगी।
जानकारी के अनुसार यह किताबें वर्तमान में प्रिंटिंग प्रक्रिया से गुजर रही हैं। एमबीबीएस के फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ईयर की पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार करने का कार्य पूरा हो गया है। इनमें व्यवहारिकता पक्ष रखते हुए तकनीकी शब्दों को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। जिससे विद्यार्थियों को समझने में आसानी हो। यह कार्य प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने किया है।
छात्र बोले: इन किताबों से सब्जेक्ट पर बन रही पकड़
जीएमसी भोपाल के एमबीबीएस स्टूडेंट अंकित ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की थी। ऐसे यह किताबें उनके लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही हैं। यह उनके जैसे हर उस बच्चे को एक सबजेक्ट पर बेहतर पकड़ बनाने में मदद कर रही हैं, जिसकी अंग्रेजी कमजोर है। एक अन्य छात्र नवीन ने कहा कि इन किताबों से पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण मिला है। हिंदी मीडियम के छात्र भी अंग्रेजी मीडियम के छात्रों के साथ कम्पीट करने में सक्षम हुए हैं।
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एमबीबीएस ईयर-विषय
एमबीबीएस में जानें कौन से ईयर में क्या पढ़ना होगा। फर्स्ट ईयर में फिजियोलॉजी, एनाटॉमी और बायोकेमेस्ट्री पढ़ाया गया है। जबकि सेकेंड ईयर में पैथोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और फॉरेंसिक वहीं थर्ड इयर में सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, मेडिसिन, आप्थाल्मालॉजी, ईएनटी, पीएसएम, गायनिक और पीडियाट्रिक पढ़ाया जाएगा।