Government employees News: मध्य प्रदेश के 11 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है। सरकार उनकी सेवा और पेंशन नियमों में सुधार करने जा रही है। इसके लिए 4 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। जो नियमों का परीक्षण कर और कर्मचारी संगठनों से संवाद कर सरकार को रिपोर्ट देगी। 

कर्मचारियों और पेंशनर्स 
पेंशनर्स से जुड़े नियमों में केंद्र सरकार संशोधान कर चुकी है। एमपी सरकार भी तैयारी कर रही है। कर्मचारी आयोग ने सरकार को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंप दिया है। हालांकि, 

पेंशनर्स परिवार को फायदा 
केंद्र द्वारा संशोधित नियमों के अनुसार शासकीय सेवक की 25 वर्ष से अधिक अविवाहित पुत्री, विधवा और परित्याक्ता को भी परिवार पेंशन में शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था नहीं है। 

वेतन विसंगति और HRA पर निर्णय 
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल की अध्यक्षता वाले कर्मचारी आयोग ने पेंशन नियमों पर रिपोर्ट तीन वर्ष पहले सौंपी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। कर्मचारियों के गृह भाड़े सहित अन्य भत्ते बढ़ाने संबंधी तत्कालीन वित्त सचिव अजीत कुमार की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में है। कर्मचारी संगठन वेतन विसंगति और सेवा नियमों में बदलाव को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। 

एक साल में देनी होगी रिपोर्ट 
कर्मचारी आयोग में फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए चार सदस्यीय समूह गठित किए जाने की योजना है। इसमें अनुभव अधिकारी शामिल होंगे और एक साल के भीतर सेवा नियमों का पुनः परीक्षण कर संशोधन के प्रस्ताव सौंपेंगे। वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग इसमें समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।

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शामिल होगी कर्मचारी संगठनों की राय
जीपी सिंघल की अध्यक्षता वाले कर्मचारी आयोग ने भी रिपोर्ट सौंपी है, लेकिन इसमें कर्मचारियों की राय शामिल नहीं की गई, जिस कारण सरकार ने नए सिरे से प्रस्ताव मांगा है। इसमें कर्मचारियों की राय शामिल करने को भी कहा गया है। इसमें वेतन विसंगति सहित अन्य समस्याओं को भी शामिल किया जा सकता है।