Guna fire: गुना में दर्दनाक घटना हो गई। सोमवार (25 नवंबर) की रात को बुजुर्ग ने सर्दी से बचने के लिए आग जलाई। आग की आंच सेंकते-सेंकते बुजुर्ग को नींद आ गई। रात तीन बजे झोपड़ी में आग भड़क गई। आग इतनी तेजी से फैली कि बुजुर्ग बाहर नहीं निकल पाया। झोपड़ी के अंदर ही जिंदा जल गया। मंगलवार (26 नवंबर) सुबह कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया। घटना राघौगढ़ की है।
जानें कैसे हुई घटना
जानकारी के मुताबिक, जंजाली चौकी इलाके गोडिया गांव में रहने वाले गोविंद सिंह भील (80) खेती करता था। खेत पर इन दिनों सिंचाई चल रही है। इसलिए खेत पर ही झोपड़ी बनाकर रहता था। सोमवार रात को ठंड से बचने के लिए गोविंद ने आग जलाई। आग की आंच में हाथ सेंकने के बाद बुजुर्ग झोपड़ी में जाकर सो गया।
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शरीर कंकाल बन गया
रात तीन बजे अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि गोविंद बाहर नहीं निकल पाया। झोपड़ी में ही जलने से गोविंद की मौत हो गई। कुछ देर बाद दूसरे खेत से परिवार वाले पास पहुंचे और देखा तो गोविंद सिंह की मौत हो चुकी थी। बुजुर्ग का शरीर कंकाल बन चुका था।
पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
मंगलवार सुबह पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए राघौगढ़ भिजवाया। राघौगढ़ SDOP दीपा डुडवे ने बताया कि 80 वर्षीय गोविंद सिंह अपनी झोपड़ी में सो रहे थे। उसमें आग लगने से उनकी मौत हो गई। तापने के लिए आग जलाई थी, जिससे झोपड़ी में आग लगी है।