Loudspeaker Issue in MP: धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर का मुद्दा लोगों के दिलो दिमाग से ओझल हो चुका था, लेकिन मध्य प्रदेश की सीनियर IAS अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने इस पर नई बहस छेड़ दी है। शैलबाला मार्टिन जीएडी (GAD) में एडिशनल सेक्रेटरी हैं। रविवार को उन्होंने X पर पोस्ट लिखकर मंदिरों और मस्जिदों में लाउड स्पीकर के उपयोग पर सवाल उठाए हैं। IAS मार्टिन ने यह टिप्पणी पर एक सीनियर जर्नालिस्ट के ट्वीट के जवाब में की है। उन्होंने मस्जिदों के सामने तेज आवाज से बजाने वाले डीजे का मुद्दा भी उठाया।
मंदिरों के लाउडस्पीकर पर भी उठाए सवाल
- सीनियर्र जर्नालिस्ट मनोज कुमार ने X पर पोस्ट कर मस्जिदों के बाहर डीजे बजाने की प्रथा पर सवाल किया है। उन्होंने पूछा है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या उनके बाहर डीजे और गंदी नारेबाजी बंद हो जाएगी?
- मनोज कुमार के इस ट्वीट के बाद शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों के लाउडस्पीकरों के ध्वनि प्रदूषण पर सवाल उठाए। कहा-मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर आधी रात तक तेज आवाज में बजते हैं। तो क्या उनकी आवाज से डिस्टर्ब नहीं होता?
डीजे के उपयोग पर सवाल
शैलबाला मार्टिन ने शुक्रवार को भी डीजे और लाउड स्पीकर का मुद्दा उठाया था। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने X पर लिखा-जिस चार इमली क्षेत्र में मंत्री और पुलिस कमिश्नर रहते हैं, वहां तेज आवाज में डीजे बजाने पर रोक-टोक नहीं है। उन्होंने डीजे डांस के दौरान 13 वर्षीय बच्चे की मौत और प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
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हटवए गए थे लाउडस्पीकर
दरअसल, धार्मिक स्थलों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का हवाला देकर मोहन सरकार ने गत वर्ष दिशा-निर्देश जारी किए थे। सरकार की इस गाइडलाइन के बाद धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए गए थे। तब भी यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा। अब मार्टिन की टिप्पणी से दोबारा बहस शुरू हो गई है।