Rahul Gandhi Met Kamal Nath: लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में मुलाकात की। राहुल मंगलवार (15 अक्टूबर ) को कमलनाथ से मिलने नई दिल्ली में उनके आवास पर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच लंच पर विभिन्न विषयों पर बातचीत हुई। राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच 2 घंटे तक चर्चा चली। कमलनाथ ने सौजन्य भेंट के लिए राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया। लंबे वक्त के बाद दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात ने मध्यप्रदेश की सियासत में बड़ी हलचल मचा दी है।

तस्वीर वायरल: बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा 
कमलनाथ और राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में जमकर वायरल हो रही है। पक्ष और विपक्ष के नेता इस मुलाकात के कई मायने निकाल रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमजोर हालत देखकर कमलनाथ को फिर कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। क्योंकि एमपी की बुधनी और विजयपुर सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करना चाहती है। एक ओर चर्चा तो यह भी है कि हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस फिर सीनियर नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। 

इंदिया गांधी मानती थी तीसरा बेटा 
कमलनाथ कांग्रेस ही नहीं देश की सियासत में बड़ा ओहदा रखते हैं। इंदिरा गांधी राजीव और संजय गांधी के बाद उन्हें तीसरा बेटा मानती थीं। जबकि, कांग्रेस में वह अक्सर संकट मोचक की भूमिका निभाते रहे हैं। लंबे समय तक दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहे कमलनाथ फिर बड़ा मौका मिला तो देश की राजनीति में बड़ा खेल कर सकते हैं। 

कमलनाथ का सियासी सफर 

  • कमलनाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे। जबकि, सन 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय परिवहन एवं कपड़ा मंत्री रहे। 2012 से 2014 तक शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका निभाई।  
  • कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मप्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन 15 महीने बाद सिंधिया समर्थक 28 विधायकों के दल बदल से कांग्रेस सरकार गिर गई। इसके बाद वह नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, व्यस्तता का हवाला देकर बाद में सीएलपी लीडर का पद छोड़ दिया था। 
  • कमलनाथ ने 1968 में युवक कांग्रेस के जरिए सियासत में कदम रखा था। 1976 में यूपी में यूथ कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए। 1970-81 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, 1979 में महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक रहे। 2000-2018 तक AICC के महासचिव और 2017 में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे। 

कमलनाथ के 10 सियासी कदम 

  • 1968 में युवक कांग्रेस ज्वाइन की
  • 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रभारी बने 
  • 1970-81 तक युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे।
  • 1980 में छिंदवाड़ा से पहली बार सांसद बने।  
  • 2000 से 2018 तक AICC के महासचिव रहे। 
  • 2017 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए। 
  • 2017 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। 
  • 2020 में सरकार गिरी तो नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली 
  • 2023 में छिंदवाड़ा से दोबाार विधायक चुने गए, लेकिन सरकार न बन पाने के कारण अध्यक्ष पद छोड़ दिया।