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MP New Excise policy 2025: मध्य प्रदेश में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एक अप्रैल से नई शराब नीति लागू हो जाएगी। 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' खुलेंगे। नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही पीने की अनुमति होगी। बार में स्प्रिट का सेवन प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा 19 पवित्र शहरों में 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी।

इन 19 शहरों में बंद होंगी शराब दुकानें 
उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत में 1 अप्रैल से शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। 

24 जनवरी को सीएम ने की थी शराबंदी की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद 24 जनवरी को शराब की बिक्री प्रतिबंध करने की घोषणा की थी। इस फैसले से एमपी सरकार को आबकारी राजस्व में 450 करोड़ का नुकसान होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में 460 से 470 शराब-सह-बीयर बार हैं। 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के तहत 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। एक अनुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश में 3600 मिश्रित शराब की दुकानें इस वित्त वर्ष में लगभग 15200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व लाएंगी।

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बाहर से शराब लोकर पीने पर रोक नहीं 
अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून है। मध्य प्रदेश में केवल आबकारी अधिनियम लागू है। MP में निषेध कानून लागू नहीं है। इसलिए शराबबंदी वाले शहरों में बाहर से शराब लोकर व्यक्तिगत रूप से पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। जहां दुकानें बंद होने जा रही हैं, वहां शराब ले जाने और पीने पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश में बिहार निषेध अधिनियम, 2016 जैसा कानून बनाने की जरूरत है। 

रेस्तरां और कमर्शियल आयोजनों के लिए नई नीति
नई आबकारी नीति के तहत, रेस्तरां में शराब परोसने के लिए खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में फ्लोर एरिया बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इससे रेस्तरां संचालकों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, बड़े व्यावसायिक आयोजनों के लिए लाइसेंस शुल्क को आयोजन स्थल के आकार और दर्शकों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया जाएगा, जिससे आयोजकों को सुविधा मिलेगी और राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

ई-बैंक गारंटी की अनिवार्यता
आबकारी विभाग ने शराब दुकानों के ठेकेदारों के लिए ई-बैंक गारंटी को अनिवार्य कर दिया है। एक अप्रैल 2025 से सभी ठेकेदारों को यह गारंटी देनी होगी, जो कम से कम 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। यह गारंटी साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा की जाएगी और केवल अधिकृत बैंकों से ही मान्य होगी। इस नीति का उद्देश्य ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय करना और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।