Jabalpur Smart City: मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर बच्चों के डेवलपमेंट के लिहाज से काफी अनुकूल है। यहां की शुद्ध आबोहवा और कॉलोनियों में स्थित पार्क उन्हें मुफीद महौल उपलब्ध कराते हैं। हाल ही में भारत सरकार की ओर से जबलपुर को इसके लिए प्रशस्ति-पत्र दिया गया है।
दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नर्चरिंग नेबरहुड का चैलेंज दिया गया था। इसके तहत शहरों में बच्चों के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल डेवलप करना था। ताकि, खेलने-कूदने में उन्हें कोई खतरा न हो। इस मामले में जबलपुर देश के टॉप-7 शहरों में शामिल हुआ है।
जबलपुर नगर निगम की आयुक्त प्रीति यादव के मुताबिक, नेबरहुड चैलेंज में जबलपुर की स्थति बहुत अच्छी है। यही कारण है कि जबलपुर को स्मार्ट सिटी फेस-2 में शामिल किया गया है। इस चरण में स्मार्ट सिटी को कई और चैलेंज भी मिले हैं, जिनमें अव्वल आने का प्रयास जारी है।
इंदौर को भी मिली सराहना
इंदौर स्मार्ट सिटी (आईएससी) को भी नर्चरिंग नेबरहुड से जुड़ी 17 परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सराहना मिली है। सीईओ दिव्यांक सिंह को नई दिल्ली में बुधवार को सम्मानित किया गया। इंदौर की मलिन बस्तियों में छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल बनाया है। साथ ही इंदौर स्मार्ट जिज्ञासा रथ', 40 'उमंग वाटिका', 'कर्म रथ', सुलभ बस स्टॉप और प्रत्येक वार्ड में 'प्ले-मास्टर प्लान' जैसे प्रोजेक्ट प्रस्तावित किए हैं।
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क्या है नर्चरिंग नेबरहुड्स चैलेंज?
नर्चरिंग नेबरहुड्स चैलेंज का मुख्य उद्देश्य 5 वर्ष तक बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना, बुनियादी सुविधाओं में सुधार और ऐसे क्षेत्र विकासित करना है, जहां बच्चे सुरक्षित रूप से माता-पिता के साथ खेल सकें और घूम सकें। मेयर जगत बहादुर सिंह और नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव के मार्गदर्शन में जबलपुर स्मार्ट सिटी ने इस दिशा में बेहतर कार्य किए हैं।
2023 में इन शहरोंं को मिला अवार्ड
गत वर्ष (2023 में) नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज में बेंगलुरु स्मार्ट सिटी अव्वल और जबलपुर दूसरे नंबर पर था। कोहिमा, वारंगल, हुबली धारवाड़, काकीनाडा, राउरकेला, इंदौर, कोच्चि और बड़ोदरा स्मार्ट सिटी में भी बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए उत्कृष्ट कार्य किए गए थे।