भोपाल। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव देशभर में अलग-अलग अंदाज में मनाया गया। उज्जैन में भारत गैस के वितरकों ने 1111 घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडरों से जय श्री राम की आकृति बनाई। पूरे भारतवर्ष में पहली बार गैस सिलेंडर से भगवान जयश्री राम का राम लिखा गया। 18 लोगों ने पांच घंटे तक मेहनत कर इस विशाल आकृति को बनाया, जिसने भी आकृति को देखा, देखते ही रह गया। इसके अलावा उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में एक लाख दीप जलाकर खुशियां मनाई गईं। एलपीजी गैस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि भगवान श्री इसीलिए गैस की टंकियों से इस आकृति का निर्माण कर हमने अपने भाव भगवान श्री राम के चरणों में अर्पित करने के प्रयास किया है। 

एलपीजी गैस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि राम की प्राण प्रतिष्ठा पर कुछ नया करने का मन था, इसलिए हमने यह आकृति बनाई।

उज्जैन के 8वीं सदी के राम दरबार सिक्के अब अयोध्या में देखने को मिलेंगे 
उज्जैन के महिदपुर में संजो कर रखे गए 8वीं सदी के राम दरबार के सिक्के अब अयोध्या में श्रीराम मंदिर संग्रहालय की शोभा बढ़ाएंगे। चांदी, पीतल, तांबे के ऐसे करीब 30 सिक्के अश्विनी शोध संस्थान के पास हैं। मध्यकाल में इन्हें राम टंका कहा जाता था। वर्षों पहले दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु चांदी के इन सिक्कों को प्रसाद में लाया करते थे। इन पर एक ओर राम दरबार तो दूसरी ओर श्रीराम की सेना का चित्र है। चांदी के सिक्के का वजन 20 ग्राम है। 8 सिक्के अयोध्या भेजे गए थे। ये संग्रहालय में रखे जाएंगे। अश्विनी शोध संस्थान के निदेशक डॉ. आरसी ठाकुर ने बताया, हमारे पूर्वज अयोध्या जाते थे तो प्रसाद में ये राम टंके लाते थे।

हिंदू-मुस्लिम के खून से तैयार किया श्रीराम का चित्र 
भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर नरसिंहपुर में सद्भाव का रंग नजर आया। प्राचीन नरसिंह मंदिर में हिंदू-मुस्लिम के खून से चित्रकार राज सैनी ने श्रीराम का एक रक्त चरित्र तैयार किया है। जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष मो. हुसैन पठान और सर्व ब्राह्मण सभा के पंकज दुबे ने इस चित्र के लिए अपना खून निकलवाया।