भोपाल। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित शिविर में प्रधानमंत्री मोदी ने देवास की रुबीना बी से वर्चुअली संवाद किया। आजीविका मिशन से जुड़कर रूबीना ने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। 10 साल पहले तक वह गठरी ढोती थीं, मजदूरी करती थीं। अब खुद तो आत्मनिर्भर हैं, समूह की अन्य महिलाओं को भी आर्थिक तौर पर सशक्त कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से बात कर रुबीना बी काफी उत्साहित हैं। देवास जिले की ग्राम पंचायत जामगोद में आयोजित शिविर में कहा, प्रधानमंत्री से संवाद करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मेरे जीवन का यह सबसे बड़ा यादगार लम्हा होगा। स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद ही यह संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति भी आभार जताया।
गरीबी के चलते बेटियों को नहीं दे पाईं बेहतर शिक्षा
देवास के गुर्जर बापच्या गांव की रूबीना बी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उन्होंने बताया, स्व समूह से जुड़ने से पहले वह खेतों में मजदूरी करती थी। बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता था। रुबीना की दो बेटियां हैं, गरीबी के चलते उन्हें बेहतर शिक्षा नहीं दे पाईं, लेकिन समूह से जुड़ी और बैंक से लोन लेकर कारोबार शुरू किया, जिसके बाद अब हर माह 25 से 30 हजार तक की आय अर्जित कर पा रही हूं।
सामाजिक परंपराओं से लड़कर बनाया मुकाम
जीवन स्तर बदलने के लिए रूबीना को न सिर्फ आर्थिक हालातों, बल्कि सामाजिक रूढ़ियों से भी लड़ना पड़ा है। वह जिस परिवार व समाज में पली बढ़ी हैं, वहां महिलाओं को पर्दे में रहने पड़ता था। घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित था। लेकिन रूबीना ने इन सबकी परवाह किए बिना हालातों से लड़कर मुकाम बनाया है।