Cheetah Corridor: देश की 'मोदी सरकार' प्रोजेक्ट चीता का लगातार विस्तार कर रही है। एमपी के बाद अब राजस्थान में भी चीतों की सरपट दौड़ का नजारा देखने को मिलेगा। शुक्रवार (29 नवंबर) को सवाईमाधोपुर में राजस्थान और MP के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की बैठक में चीतों के संरक्षण को लेकर बड़ी प्लानिंग हुई है। एमपी, यूपी और राजस्थान को मिलाकर देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। चीता कॉरिडोर मध्य प्रदेश के कूनो से शिवपुरी होकर राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से होते हुए मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक फैलेगा। 1500 से 2000 किमी तक के कॉरिडोर से तीनों राज्यों के 22 जिले जुड़ेंगे।  

योजना को लेकर अफसरों के बीच हुआ मंथन 
योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए रणथंभौर के एक होटल में एमपी और राजस्थान के वन अधिकारी जुटे। अफसरों के बीच चीता कॉरिडोर विकसित करने को लेकर मंथन हुआ। अफसरों के बीच फिजिबिलिटी स्टडी, टूरिज्म की संभावना आदि को लेकर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि वाइल्ड लाइफ फ्यूचर्ड ऑफ इण्डिया ने जमीन को चिन्हित कर लिया है। 

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कॉरिडोर में किस राज्य के कितने जिले होंगे शामिल 
चीता कॉरिडोर में राजस्थान के 13, एमपी के 12 और यूपी के 2 डिवीजन शामिल हैं। राजस्थान के 13 डिवीजन में आठ जिले हैं। इसमें धौलपुर से चित्तौड़गढ़ तक लगभग साढ़े छह हजार से सात हजार स्क्वायर किमी क्षेत्र में चीता के लिए जमीन को चिन्हित किया है। एमपी के रतलाम से मुरैना तक कॉरिडोर डेवलप होगा। कुल 13 जिले कॉरिडोर में आएंगे। दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से कहां-कहां टूरिज्म विकसित कर सकते हैं। इस पर प्लानिंग के तहत काम किया जाएगा।  

इन जिलों से गुजरेगा कॉरिडोर 
चीता कॉरिडोर प्रोजेक्ट में राजस्थान के 10 जिलों (धौलपुर, करौली, सवाई-माधोपुर, बारां, झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा शामिल हैं। मध्यप्रदेश के झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, निमच, अगरमालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्यौपुर और मुरैना से चीता कॉरिडोर गुजरेगा। इनके आसपास के 5 जिले जहां वाइल्ड लाइफ का मूवमेंट संभावित है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश के 2 जिले झांसी और ललितपुर इस कॉरिडोर प्रोजेक्ट में शामिल है।

चीतों से इंसान को खतरा नहीं 
चीता कॉरिडोर बनाने को लेकर महीने राजस्थान और एमपी सरकार के बीच एमओयू होने वाला है। अधिकारियों ने बताया कि आमजन को चीता से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि चीता से आज तक मनुष्य की मौत की रिपोर्ट नहीं है। बैठक में राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, मध्य प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक मुकुंदरा, चीता प्रोजेक्ट शिवपुरी के संचालक, वन मंडल अधिकारी, कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।