Sambal Yojana Fraud in MP: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में संबल योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां मृतकों के नाम पर संबल कार्ड जारी कर सरकारी राशि के बंदरबांट का खुलासा हुआ है। जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने सरपंच-सचिव के खिलाफ कार्रवाई की है। 

फर्जीवाड़ा नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा का है। सरपंच तुलसीराम, उप सरपंच संजय जाधव और सचिव सुनील पटेल ने मिलकर श्रमिकों की मौत के बाद समग्र आईडी में छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड (E-Sambal Card) जारी कर सरकारी राशि आहरित कर ली।  

जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर जिला पंचायत सीईओ (District Panchayat CEO) सृष्टि देशमुख ने मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनील पटेल को सस्पेंड कर राशि वसूली के आदेश दिए हैं। साथ ही जनपद सीईओ वंदना कैथल ने सरपंच व उप सरपंच को पद से हटाने के लिए अनुशंसा की है। 

जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि तत्कालीन सचिव सुनील पटेल, सरपंच तुलसीराम, उप सरपंच संजय जाधव के अलावा कलस्टर प्रभारी गजमोहन बरिहा की भूमिका भी संदिग्ध है। उन्होंने आवेदनों की जांच समय पर और सही तरीक से नहीं की। जिससे खकनार जनपद ने अपात्रों के आवेदन स्वीकृत कर लाभ दे दिया। पंचायत सचिव का अतिरिक्त प्रभार चांदनी सचिव  अविनाश येवले और ग्राम पंचायत हैदरपुर के सचिव का अतिरिक्त प्रभार जगन कास्डे को दिया गया है। 

Mandwa Gram Panchayat में ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा 

  • उपसरपंच संजय जाधव के परिवार के मामले में अनुग्रह सहायता राशि 2-2 लाख मिली है। यह राशि महज एक माह के अंदर मिल गई। मृत्यु 2019 में हुई थी। मृत्यु प्रमाण पत्र 4 नवंबर 22 और 11 जनवरी से 28 जनवरी के बीच एक महीने में जारी किया गया। 
  • 4 साल बाद मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करने पर शक हुआ तो कुछ लोगों ने शिकायत की। जिस पर जनपद समन्वयक राजेंद्र भांडे ने जांच कर जनपद सीईओ (Block CEO) रिपोर्ट सौंपी। 
  • पंचायत ने जिन 8 लोगों के परिवार को अनुग्रह सहायता राशि जारी कराई है। उनमें रेल बाई खना, राजू वहारसिंग, अंकिता चैनसिंग, रूलकी बाई हेमता, दवलसिंह रेमाल, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार, रमती बाई शेरसिंग शामिल हैं। इनकी मृत्यु पिछले एक माह के दौरान होना बताया गया। 

मेरी आईडी का दुरुउपयोग: सचिव 
तत्कालीन सचिव सुनील पटेल ने आईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। कहा, आवेदन ऑनलाइन होता है, लेकिन यह किसने और कैसे किया। किसके कहने पर फोटो खिंचवाए गए, यह भी जांच का विषय है।