Saurabh Sharma case: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (RTO) का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा गिरफ्तार हो चुका है। उसके दो सहयोगी भी पुलिस की गिरफ्त में हैं। लोकायुक्त पुलिस ने करोड़पति सौरभ, उसके सहयोगी चेतन सिंह और शरद जयसवाल को 4 फरवरी तक रिमांड पर लिया है। रिमांड में कड़ाई से होने वाली पूछताछ में कई बड़े राज खुल सकते हैं। सौरभ के घर से मिली लाल डायरी में 100 करोड़ के लेन-देन का खुलासा भी हो सकता है। वकील राकेश पाराशर ने सौरभ की जान को खतरा बताया है। पराशर ने मांग की है कि सौरभ को जो भी खाना दिया जाए, पहले उसकी जांच हो। साथ ही समय- समय पर मेडिकल चेकअप करवाया जाए। जानिए सौरभ केस में आगे क्या होगा? 

सौरभ को दिए जाने वाले खाने की जांच की मांग 
वकील राकेश पाराशर ने लोकायुक्त टीम की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। राकेश का कहना है कि वाहवाही लूटने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ को अरेस्ट किया है। राकेश ने सौरभ की जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को पूछताछ की पूरी वीडियोग्राफी करनी चाहिए। राकेश ने यह भी कहा कि सौरभ शर्मा के पास से कोई न कोई जब्ती और न ही कुछ बरामद हुआ है। 7 दिन रिमांड पर हमें घोर आपत्ति है।

'जहर देकर मारने की कोशिश' 
राकेश सौरभ को लेकर चिंता जताई है। राकेश का कहना है कि सौरभ की जान को खतरा है। राकेश ने समय- समय पर मेडिकल और सौरभ को दिए जाने वाले खाने की जांच करावाने की मांग की है। सौरभ के वकील ने सोमवार को कोर्ट में दिए आवेदन में मांग की थी कि पुलिस हिरासत में रहने के दौरान हर 24 घंटे में सौरभ का चेकअप कराया जाए। सौरभ के हिरासत में रहने के दौरान जहर देकर मारने की कोशिश की जा सकती है।

कड़ाई से पूछताछ में खुलेंगे कई राज 
लोकायुक्त पुलिस सौरभ और उसके दोनों सहयोगियों से कड़ाई से पूछताछ करेगी। रिमांड में होने वाली पूछताछ में कई बड़े राज खुल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सौरभ की गिरफ्तार के बाद से ही कई दिग्गज नेताओं और अफसरों की टेंशन बढ़ गई है। बता दें कि कुछ दिन पहले अधिकारियों को एक डायरी और दस्तावेज मिले थे, जिसमें आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा द्वारा परिवहन विभाग के अफसरों के साथ 100 करोड़ से अधिक के लेन-देन का खुलासा हुआ था। डायरी में विधायकों, मंत्रियों, और नौकरशाहों के नाम के साथ-साथ उनके कथित ‘दाम’ भी लिखे गए थे।

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एक दिन पहले: सुबह से शाम तक चला जबरदस्त ड्रामा
सौरभ शर्मा मामले में मंगलवार को जबरदस्त ड्रामा चला।  सुबह 11 बजे सौरभ की सरेंडर अर्जी पर सुनवाई होनी थी। सरेंडर से पहले ही लोकायुक्त की टीम ने 10 बजे सौरभ को हिरासत में लिया। सुबह 11 बजे लोकायुक्त की टीम ने सौरभ से पूछताछ शुरू कर दी। दोपहर 3.30 बजे टीम सौरभ के राजदार चेतन गौर को लोकायुक्त कार्यालय लेकर पहुंची। शाम 4.10 बजे सौरभ और चेतन गौर को लेकर टीम मेडिकल करवाने पहुंची।  शाम 4.40 बजे सौरभ का बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल समन का जवाब देने लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा। शाम 5.10 बजे सौरभ और चेतन को लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। शाम 7 बजे कोर्ट ने सौरभ और चेतन को सात दिन की रिमांड पर दिया।

सोमवार: सरेंडर करने पहुंचा था कोर्ट 
सौरभ शर्मा सोमवार दोपहर 12:30 बजे अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंचा था। सौरभ के वकील ने एडीजे आरपी मिश्रा की कोर्ट में सरेंडर के लिए आवेदन दिया था। वकील ने कोर्ट को बताया था कि सौरभ लोकायुक्त के आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण में फरार चल रहा है। सौरभ अंडर इंवेस्टिगेशन है। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया था कि केस से जुड़े डॉक्यूमेंट लोकायुक्त के पास हैं। 

डायरी के साथ उपस्थित होने के दिए थे आदेश 
वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने लोकायुक्त संगठन के विशेष लोक अभियोजक विवेक गौड़ को बुलाया। विवेक से बातचीत की। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को विवेक गौड़ को डायरी सहित कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सौरभ के वकील को भी मंगलवार को सुनवाई के संबंध में कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सौरभ कोर्ट रूम से बाहर निकल गया।  

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जानिए पूरा मामला 

  • लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त को 2.95 करोड़ कैश, दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे। गुरुवार रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिले थे।
  • कार सौरभ के दौस्त चेतन सिंह की थी। सौरभ तभी से फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी। 23 दिसंबर को मामले में ईडी की एंट्री हुई थी। ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद से ही ED, IT और लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। अब सौरभ और उसके सहयोगी लोकायुक्त की गिरफ्त

अब तक 100 करोड़ से अधिक का माल बरामद 
ED, IT और आयकर विभाग को अब तक चली जांच-पड़ताल में लगभग 100 करोड़ का माल मिला है। लोकायुक्त को कैश, सोने, चांदी, हीरों के जवरात सहित कुल 7.98 करोड़ का माल मिला। आयकर विभाग को 41.60 करोड़ के सोने, चांदी और हीरों के जेवरात मिले हैं। 11 करोड़ कैश सहित कुल 52.60 करोड़ का माल मिला है। ED को जांच-पड़ताल में 4 करोड़ का बैंक बैलेंस, 6 करोड़ की FD, 23 करोड़ की संपत्ति सहित 33 सहित 33 करोड़ से अधिक का माल मिला है।  तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।