Sehore Water Crisis: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पेयजल संकट परेशान से लोगों का अनूठा विरोध सामने आया है। ग्रामीणों ने 100 से अधिक आवेदनों की पूंछ बनाकर अजगर की तरह रेंगते हुए भोपाल पहुंचे। बताया कि सीहोर जिले का विशनखेड़ी गांव भयंकर सूखे की चपेट में है। 2 हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते हैं। दो किमी दूर से पानी लाकर काम चलना पड़ रहा है।
विशनखेड़ी के बजरंगी नागर बुधवार को 100 से अधिक आवेदनों की पूंछ बनाकर भोपाल स्थित संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। उनके साथ अन्य ग्रामीण भी मौजूद थे। संभागायुक्त संजीव सिंह को ज्ञापन देकर बताया, गांव के सभी 13 हैंडपंप और बोरवेल सूख गए हैं। सूखे के कारण ग्रामीण बहुत परेशान हैं।
बजरंगी नागर ने बताया कि बिशनखेड़ी के ग्रामीण पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार और कलेक्टर तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। सीहोर कलेक्टर ने पीएचई के चीफ इंजीनियर को जांच के निर्देश दिए, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने सभी 13 हैंडपंप चालू बता दिए।
सरपंच और तहसीलदार ने लौटाई मशीन
बजरंगी नागन ने बताया कि पीएचई विभाग द्वारा दो बार बोर के लिए मशीन भेजी गई, लेकिन सरपंच पति जितेंद्र तमोलिया ने बोर नहीं करने दिया। दूसरी बार मशीन आई तो तहसीलदार किशोर कटारे में रोक लगा दी।
राशि निकाली, पानी टंकी नहीं बनाई
बजरंगी नागर ने सरपंच पति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। बताया, पानी टंकी की राशि तो निकाल ली, लेकिन निर्माण नहीं कराया है। कलेक्टर, जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है।
ज्वाइंट कमिश्नर ने दिए जांच के निर्देश
ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. विनोद यादव ने बताया कि सीहोर के विशनखेड़ी कुछ ग्रामीण से पानी की समस्या लेकर आए थे। सीहोर जिला पंचायत सीईओ और पीएचई के अफसरों को जांच और समस्या निराकरण कराने के निर्देश दिए हैं।
तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने सरपंच पति और इछावर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बताया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने धाकड़ मोहल्ला स्थित मुरलीधर बाड़े के पास नलकूप खनन कराने के आदेश दिए हैं। लेकिन सरपंच पति मशीन लौटा दे रहा है। सीहोर कलेक्टर को बताया, लेकिन पेयजल संकट दूर नहीं हुआ।