Regional Industry Conclave 2025: मध्य प्रदेश के शहडोल में गुरुवार (16 जनवरी) को 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज के मुख्य हॉल में हो रही कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के 40 से ज्यादा बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। ACC सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। CM मोहन 30 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे। 

ये कंपिनयां होंगी शामिल 
कॉन्क्लेव के लिए पांच हजार निवेशकों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बड़े उद्योगपति शामिल हो रहे हैं। टोरेन्ट पावर लिमिटेड, शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड, रामा सीमेंट इंडस्ट्रीज, श्री बजरंग पावर लिमिटेड, जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, एसएम परिमल प्रोसेस प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधि कॉन्क्लेव में शामिल होने पहुंचे हैं। ओरिएंट पेपर मिल, एसीसी सीमेंट लिमिटेड, आरके ग्रुप रायपुर, महावीर कोल रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के भी प्रतिनिधि भी कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। 

निवेशकों से होगी वन टू वन चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे। विशेष रूप से शहडोल, अनूपपुर और उमरिया के प्रमुख कोयला उत्पादकों को आमंत्रित किया है। यह चर्चा उन प्रमुख उद्योग क्षेत्रों पर आधारित होगी, जिनमें राज्य में निवेश की संभावनाएं मौजूद हैं। मुख्यमंत्री की यह पहल स्थानीय उद्योगों और निवेशकों के लिए नए रास्ते खोल सकती है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

क्षमता से अधिक गोल्डन पास जारी
इस आयोजन में काफी अव्यवस्था देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन ने क्षमता से अधिक गोल्डन पास जारी कर दिए थे, जिसके कारण सभा स्थल पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई। कई भाजपा नेता और उद्योगपति गोल्डन पास लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं, लेकिन उनकी बैठने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस अव्यवस्था के कारण प्रशासन के लिए एक चुनौती उत्पन्न हो गई है, लेकिन सीएम के आगमन से पहले इसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान निवेश प्रस्तावों की बात की जाएगी, जिनसे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। हाल ही में नर्मदापुरम, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, और उज्जैन में निवेश प्रस्ताव आए थे। इन निवेशों से हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता है। शहडोल में हो रहे इस सम्मेलन से भी रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा।

अब जानिए कहां-कहां निवेशक सम्मेलन हुए, कितने निवेश आए:

नर्मदापुरम में 40 हजार करोड़ का निवेश
नर्मदापुरम में दिसंबर 2024 में कुल 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें से 31 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव थे, जिनसे 40 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र सौंपे। मोहासा क्षेत्र में 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 24 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

ग्वालियर में 8 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव
ग्वालियर में अगस्त 2024 में 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिससे 35 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इनमें से अडाणी ग्रुप ने साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया था। इस निवेश के तहत बदरवास में जैकेट फैक्ट्री, गुना में 2 मिलियन टन सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट और शिवपुरी में डिफेंस सेक्टर में निवेश किया जाएगा। 

जबलपुर में 17 हजार करोड़ का निवेश
जबलपुर में जुलाई 2024 में 17 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिनमें प्रमुख कंपनियों ने निवेश की बात कही। एसआरएफ फिल्म्स ने 2500 करोड़ और हीडलवर्ग सीमेंट ने 1500 करोड़ के निवेश का ऐलान किया। इसके अलावा, अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच 600 करोड़ के निवेश का करार हुआ। सिंगापुर स्थित कंपनी होशो डिजिटल ने इंदौर और जबलपुर में निवेश की योजना बनाई है। यह निवेश जबलपुर के औद्योगिक विकास में अहम योगदान देगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगा।

रीवा में 31 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव
रीवा में 23 अक्टूबर 2024 को कुल 31 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए थे। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने रीवा और विंध्य क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा की। इसके साथ ही, केजीएस सीमेंट, सिद्धार्थ इंफ्राटेक, अल्ट्राटेक सीमेंट और अडानी ग्रुप ने भी निवेश की बात कही थी। इससे करीब 28 हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। यह निवेश रीवा और आसपास के इलाकों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।