Former CM Shivraj Singh Chauhan : लोग मुझे पूर्व मुख्यमंत्री कहते हैं, लेकिन मैं नकारा (रिजेक्टेड सीएम) नहीं हूं। लोगों का प्यार ही मेरी असली पूंजी है। मैंने (सीएम) पद छोड़ दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि राजनीति में सक्रिय नहीं रहूंगा। यह कहना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का। शुक्रवार को वह 13वीं भारतीय छात्र संसद को संबोधित कर रहे थे।
छात्र संसद में युवाओं से संवाद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कई बार हम पद छोड़ने पड़ते हैं। खासकर, जब जनता ऊबने लगे। लोग गाली देने लगें कि इतने समय से यही बैठा हुआ है। लेकिन अपन पद छोड़कर भी आए तो ऐसे आए कि लोग इतना चाहते हैं कि कहते हैं कि मामा...मामा... मामा...मामा...। लोगों का प्यार ही मेरी असली पूंजी है।
युवाओं के मजबूत कंधों पर समृद्ध और सशक्त भारत की नींव
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, युवाओं के मजबूत कंधों पर समृद्ध और सशक्त भारत की नींव टिकी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि अपनी ऊर्जा, जिद, जुनून और जज्बे से आप सभी विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध करेंगे। बताया कि बात सेवा की हो या समर्पण की, मार्ग सहयोग का हो या सुधार का, रास्ता परिश्रम का हो या पराक्रम का, युवा हरदम, हरपल तैयार रहता है। जड़ से जुड़ने से लेकर जग में विस्तार तक, हर क्षेत्र में युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
खूब बैंड बजाओ कोई रोकेगा तो देखेंगे...
भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद से मुक्त होने के बाद भी सक्रिय हैं। वह लगभग हर दिन कुछ न कुछ ऐसा बयान दे देते हैं, जिससे चर्चा में आ आते हैं। पिछले दिनों सीहोर जिले के एक कार्यक्रम में कहा था खूब बैंड बजाओ कोई रोकेगा तो देखेंगे...। शिवराज का यह बयान भी काफी चर्चा में रहा। कुछ लोग इसे वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव को अप्रत्यक्ष तौर पर दी गई चुनौती भी मान रहे थे। बाद में दोनों नेता साथ बैठे और गले मिले कर वैचारिक दूरियों का एक तरह से खंडन किया। तेलांगना दौरे में भुट्टा सेंकते शिवराज सिंह की तस्वीरें भी चर्चा में रहीं।
अपनी सरकार से भी लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे : कार्तिकेय
इधर, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय भी पिता की राह में हैं। शुक्रवार को सीहोर के भेरूंदा जिले कोसमी गांव में विकसित भारत संकल्प शिविर में शामिल हुए। जनता को संबोधित करते हुए कहा, आपसे जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा कराने के लिए अपनी सरकार से भी लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे। मैं कोई नेता नहीं हूं। राजनीति में भी नहीं जाना चाहता। लेकिन, आपसे वोट मांगने पापा नहीं मैं आया था। उस दौरान कई वादे किए, जिन्हें पूरा कराने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं। हालांकि, सरकार संवेदनशील है, लड़ने की नौबत नहीं आएगी।