Shivraj Singh Chouhan: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में केंद्र सरकार में कृषि मंत्रालय का बड़ा जिम्मा संभाले रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के पास एमपी में कृषि कार्यों का लंबा अनुभव है। अब वह देश में किसानों की समस्याओं को कम करने में लगे हुए हैं। भले ही उनके पास से प्रदेश की सत्ता चली गई हो, लेकिन मोदी सरकार में उनका कद बड़ा है।
उपचुनाव से पहले बुदनी क्षेत्र में किसान आंदोलन कर रहे हैं। एक आंदोलन कांग्रेस के बैनरतले हुआ तो दूसरा कांग्रेस के नेताओं ने आयोजित कराया। दरअसल प्रदेश में किसान एमएसपी (समर्थन मूल्य) पर फसल खरीदी की मांग को तेज कर रहे हैं। इसके लिए किसान संगठन इक्कठा हो गए हैं और अलग-अलग फसलों को एमएसपी के हिसाब से बेचने की मांग कर रहे हैं। इधर, किसान संगठन बुदनी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं।
किसानों की मांग है कि सोयाबीन को 6000 रुपए प्रति क्विटंल की दर पर खरीदा जाए। वहीं, धान का 3100 और मक्का का 2500 रुपए प्रति क्विटंल समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। 30 सितंबर सोमवार को सीहोर जिले के भैरुंदा में किसान बड़ी रैली निकालेंगे।
विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान को अपने गृहक्षेत्र बुदनी विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा था। वहां की सीट खाली और जल्दी ही उपचुनाव होने वाले हैं। शिवराज के बुदनी सीट खाली करने से कांग्रेस के लिए अच्छा मौका बन गया है। कांग्रेस चाहती है कि बुदनी की सीट बीजेपी के कब्जे से मुक्त कराकर पार्टी की झोली में डाल दी जाए।
शिवराज का बुदनी से नाता
शिवराज सिंह चौहान 2005 से बुदनी से विधानसभा का चुनाव लड़ते रहे। हर बार उनकी जीत रिकॉर्डतोड़ मतों से होती रही। शिवराज का गढ़ कहे जाने वाले बुदनी में कभी किसानों का आंदोलन नहीं हुआ, लेकिन अबकी बार शिवराज यहां नहीं हैं। वह दिल्ली में कृषि मंत्री बन चुके हैं।