Maharashtra Election Results Analysis: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति (NDA) गठबंधन ने प्रचंड तरीके से सरकार में वापसी की है। 288 सीटों वाली विधानसभा में अकेले बीजेपी 130 से ज्यादा सीटें पर आगे निकल चुकी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने 94 सीटों के साथ गठबंधन की जीत को और मजबूत बना दिया। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी जनता को रिझाने में पूरी तरह फेल साबित हुआ है। महाराष्ट्र में सरकार तो नहीं बदली, लेकिन मुख्यमंत्री बदलने की प्रबल संभावना है, ऐसे में बड़ा सवाल है कि मुख्यमंत्री कौन है?

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तीन दावेदार, आगे कौन?

1) देवेंद्र फडणवीस:
महाराष्ट्र के सीएम की रेस में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे हैं, क्योंकि बीजेपी को मिला भारी समर्थन इसे मजबूती प्रदान कर रहा है। गठबंधन में आमतौर पर देखा जाता है कि सबसे बड़े दल को ही मुख्यमंत्री पद मिला है। दूसरा बड़ा कारण फडणवीस को अमित शाह का खुला समर्थन है। अपने चुनाव अभियान में शाह ने कई बार देवेंद्र फडणवीस का जिक्र किया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट मांगे थे।
 
2) एकनाथ शिंदे: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के किंग बनकर महायुति (NDA) गठबंधन में शामिल हुए। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। कभी महाराष्ट्र के सीएम रहे फडणवीस उनके डिप्टी बने थे, लेकिन इस चुनाव में बिसात अलग है। NDA की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बयान दिया- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फैसला सभी दल बैठकर करेंगे। इसके बाद खुद शिंदे ने कह दिया- मैं सीएम की रेस में नहीं हूं। अब देखना अहम है कि क्या उनकी वापसी होगी।

3) अजित पवार: एनसीपी नेता शरद पवार के भतीजे अजित पवार 2019 के चुनाव के बाद से महाराष्ट्र में राजनीति के केंद्र में हैं। NCP में फूट हुई और अजित पवार दो बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन चुके हैं। चुनाव नतीजों से पहले उनके गढ़ बारामती में अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए। 2024 के चुनाव में उनकी एनसीपी को शरद गुट से कहीं ज्यादा सीटें मिली हैं।

महायुति गठबंधन की बड़ी जीत
महाराष्ट्र के चुनाव में बीजेपी 130 सीटों पर बढ़त के साथ राज्य में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। सहयोगी दलों में शिंदे की शिवसेना 57 और अजित पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है। गठबंधन के खाते में कुल 94 सीटें जुड़ी हैं।

महाविकास अघाड़ी (MVA) का पतन
शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस के गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ है। यह सिर्फ 53 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। एमवीए के इस कमजोर प्रदर्शन के लिए महाराष्ट्र में पार्टी विभाजन माना जा रहा है। करीब 70 सीटें, जो पहले उद्धब ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के पास थीं, अब महायुति की झोली में चली गईं।

महाराष्ट्र में कैसा है पार्टियों का प्रदर्शन?

  • शिवसेना (एकनाथ शिंदे): 81 सीटों में से 57 पर बढ़त बनाए हुए है।
  • NCP (अजीत पवार): 59 सीटों में से 37 पर आगे चल रही है।
  • शिवसेना (उद्धव ठाकरे): 95 सीटों में से सिर्फ 18 पर बढ़त मिली।
  • एनसीपी (शरद पवार): 86 सीटों में से केवल 13 पर बढ़त।

एग्जिट पोल और भविष्यवाणी
एग्जिट पोल में पहले ही महायुति की बंपर जीत की संभावना जताई गई थी। महायुति के खाते में औसतन 155 और एमवीए के खाते में 120 सीटें बताई गई थीं। नतीजे एग्जिट पोल से मेल खाते हैं।

2019 चुनाव और मौजूदा संदर्भ

  • 2019 चुनाव: बीजेपी ने 105 और शिवसेना (टूट से पहले) ने 56 सीटें जीती थीं। लेकिन सत्ता साझा करने के विवाद में दोनों अलग हो गए। 2022 में एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद MVA सरकार गिर गई। इसके बाद शिंदे और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई। 2023 में अजित पवार की बगावत ने महायुति को और मजबूत किया।
  • 2024 चुनाव ने महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन को बदल दिया है। बीजेपी अब राज्य की सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी है, जिसे शिंदे और अजित पवार के प्रभावशाली समर्थन से मजबूती मिली। एमवीए का विभाजन उसके लिए बड़ा नुकसान साबित हुआ है, जिससे उसकी बीजेपी का मुकाबला करने की क्षमता कमजोर हुई है।