Ajmer Crime News: राजस्थान के अजमेर में शनिवार, 27 अप्रैल की तड़के एक मौलवी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दौराई इलाके में यह दुस्साहसिक वारदात मस्जिद के भीतर अंजाम दी गई। उस वक्त 6 बच्चे भी मौजूद थे। तीन नकाबपोश बदमाशों ने मौलवी को तब तक पीटा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इस दौरान हमलावरों ने बच्चों को धमकी दी कि यदि उन्होंने शोर मचाया तो वे उन्हें भी मार देंगे। मृतक उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला था।

सुबह करीब 3 बजे की वारदात
रामगंज पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी रवींद्र सिंह ने कहा कि यह घटना शनिवार सुबह करीब 3 बजे दौराई के कंचन नगर इलाके में हुई। मोहम्मदी मदीना मस्जिद में मौलाना माहिर (30 साल) रहते थे। इनके साथ कुछ बच्चे भी रहते थे। रात करीब तीन बजे जब बच्चे चीखते हुए मस्जिद के बाहर आए तो आसपास रहने वालों की नींद खुली। अनहोनी की आशंका से पुलिस को सूचना दी गई। 

पुलिस डॉग स्क्वॉयड की मदद से छानबीन कर रही है।

मस्जिद के पीछे के रास्ते आए थे हमलावर
अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। जांच के बाद पता चला कि घटना के समय छह नाबालिग बच्चे मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद थे। हमले में तीन नकाबपोश व्यक्ति शामिल थे। ये सभी बदमाश मस्जिद के पीछे बने एक रास्ते से अंदर दाखिल हुए थे। मौलाना की हत्या करने के बाद वे उसी रास्ते से फरार हो गए। 

अधिकारी ने कहा, पुलिस बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है, जिन्हें घटना का मुख्य गवाह माना जाता है और उन्हें सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाती है। पुलिस हमलावरों और हत्या के उनके मकसद के बारे में अधिक जानकारी के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।

धमकी देकर बच्चों को बाहर निकाला
मस्जिद में रहने वाले एक बच्चे कासिम ने बताया कि रात को हम सभी कमरे में सो रहे थे। मौलाना माहिर भी हमारे साथ ही सो रहे थे। अचानक से लाठियां लेकर तीन बदमाश कमरे में घुसे। तीनों ने अपना चेहरा कपड़े से ढका हुआ था। हम सभी जाग गए। बदमाशों ने हमें जान से मारने की धमकी देकर कमरे से बाहर निकाल दिया। इसके बाद डंडे से पीट-पीट कर मौलाना साहब की हत्या कर दी। इसके बाद फरार हो गए।

28 अक्टूबर को मस्जिद के मुख्य मौलाना मोहम्मद जाहिर की मौत हो गई थी। इसके बाद मौलाना माहिर को मुख्य मौलाना बनाया गया था। वह करीब 7 साल पहले यहां रामपुर से आए थे। यहां रहकर बच्चों को पढ़ाते थे। इनका परिवार रामपुर में ही रहता है। मस्जिद में मौलाना के साथ 15 बच्चे रहते थे।