Fighter Plane Crash In Jaisalmer: जैसलमेर में भारतीय वायुसेना का लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस फाइटर जेट क्रैश हो गया। हादसा मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे के आसपास हुआ। यह विमान राजस्थान के पोखरण में हो रहे युद्धाभ्यास में शामिल होने जा रहा था। गनीमत रही कि प्लेन के क्रैश होने से पहले ही पायलट विमान से इजेक्ट हो गया। हादसे में पायलट को मामूली चाेटें आईं हैं, लेकिन वह सुरक्षित है।
युद्धाभ्यास में शामिल होने जा रहा था प्लेन
बता दें कि राजस्थान के पोकरण में भारत शक्ति युद्धाभ्यास हो रहा है। इसमें दुनिया के करीब 20 से ज्यादा देशों की सेना युद्धाभ्यास में शामिल हो रही है। पोकरण जाने के क्रम में जैसलमेर के पास तेजस विमान क्रैश हो गया। यह विमान जैसेलमेर के बाहरी हिस्से में स्थित भील समाज के हॉस्टल पर जा गिरा। विमान के क्रैश होते ही इसमें आग लग गई। युद्धाभ्यास स्थल से करीब 100 किलोमीटर दूर यह हादसा हुआ।
पायलट अस्पताल में भर्ती कराया गया
वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक, प्लेन में सिर्फ एक ही पायलट सवार था। हालांकि, जैसे ही पायलट को महसूस हुआ कि प्लेन क्रैश होने वाला है तो सूझबूझ दिखाते हुए वह प्लेन से इजेक्ट हो गया। पायलट को कुछ मामूली चोटें आई हैं। उसे आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विमान के क्रैश होते ही इतनी जोर से आवाज आई कि आसपास के इलाके में दहशत में फैल गई।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश जारी
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिलते हुए फायर डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में प्लेन में लगी आग बुझा दी गई। वायुसेना ने कहा है कि प्लेन क्रैश हाेन की वजह पता की जाएगी। इस प्लेन क्रैश की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का ऑर्डर जारी कर दिया गया है।
बाल बाल बचे हॉस्टल के तीन स्टूडेंट
तेजस प्लेन क्रैश होने के बाद भील समाज के हॉस्टल के जिस कमरे पर गिरा, उसमें तीन स्टूडेंट रहते हैं। हालांकि, हादसे के वक्त यह तीनों छात्र अपने कमरे में मौजूद नहीं थे, जिससे इनकी जान बच गई। बताया जा रहा है कि तीनों छात्र ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं, जिस वक्त हादसा हुआ तीनों खाना खाने के लिए बाहर गए थे।
23 साल में पहली बार हादसे का शिकार हुआ यह प्लेन
तेजस पूरी तरह से इंडिया में डिजाइन और डेवलप किया गया है। इसे बेंगलूरु के हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया था। 23 साल में यह पहला मौका है जब तेजस दुर्घटना का शिकार हुआ है। बता दें कि भारतीय वायुसेना इससे पहिले मिग-21 विमानों का इस्तेमाल कर रही थी। हालांकि मिग-21 के गियर बॉक्स में तकनीकी खराबी के कारण इसे रिप्लेस करते हुए तेजस की तैनाती की गई।
क्या है तेजस फाइटर जेट की खासियत
तेजस एक सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान है। हालांकि इसका ट्विन-सीट ट्रेनर वेरिएंट भी वायुसेना इस्तेमाल में लाता है। इंडियन नेवी भी तेजस के ट्विन-सीटर वेरिएंट को इस्तेमाल में लाती है। यह लाइट कॉम्बैट यानी कि हल्का लड़ाकू विमान है। यह फोर्थ जेनरेशन फाइटर प्लेन है। यह आक्रमाक हवाई हमले के साथ ही युद्ध के दौरान राहत उपलब्ध करवाने मेंं भी मददगार है।