Suryakanta Vyas passed away: जोधपुर से दुखद खबर है।सूरसागर विधानसभा से पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास (जीजी) का निधन हो गया। 85 साल की जीजी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। बुधवार (25 सितंबर) को सुबह सूर्यकांता ने अंतिम सांस ली। आज सुबह 7 बजे तबीयत बिगड़ने पर जीजी को महात्मा गांधी (MGH) हॉस्पिटल ले जाया गया था। इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। सूर्यकांता व्यास के निधन से जोधपुर शहर में शोक की लहर छा गई। सीएम भजनलाल शर्मा सहित तमात नेताओं ने दुख जताया है।
सीएम भजनलाल ने जताया दुख
सीएम भजनलाल शर्मा ने पूर्व विधायक के निधन पर दुख जताया है। सीएम ने एक्स पर लिखा है कि सूरसागर विधानसभा से पूर्व विधायक, भाजपा परिवार की वरिष्ठ सदस्या, श्रीमती सूर्यकान्ता व्यास 'जीजी' के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
1990 में पहली बार जीता विधायकी का चुनाव
पार्षद से राजनीतिक करियर शुरू करने वालीं सूर्यकांता व्यास छह बार विधायक रहीं। 1990 में पहला चुनाव जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से जीता। इसके बाद तीन बार शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं। 2008 में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा और विजयी हुईं। 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था। उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था।
10 महीने से बीमार थीं
सूर्यकांता व्यास जोधपुर में जीजी के नाम से मशहूर थीं। पिछले 10 महीने से जीजी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से जूझ रहीं थीं। काफी समय से उनका डायलिसिस चल रहा था। बुधवार सुबह निवास पर ही उनकी तबीयत बिगड़ी। परिजन लेकर महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि सूर्यकांता व्यास के पति उमा शंकर व्यास सप्लाई इंस्पेक्टर थे। पिता फतेहराज कल्ला पुलिस इंस्पेक्टर थे।
राजा-महाराजाओं के काम से तुलना
पिछले साल सितंबर में जोधपुर के चांदपोल क्षेत्र में पुष्करणा समाज की कुलदेवी उष्ट्र वाहिनी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 4.75 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। इस ऐतिहासिक पहल की सराहना करते हुए जीजी ने गहलोत की तुलना पुराने जमाने के राजा-महाराजाओं से की थी। जीज ने कहा था कि यह कार्य एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में अहम कदम है। जीजी ने गहलोत की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले के जमाने में राजा-महाराजा इसी प्रकार के कार्य किया करते थे।
जीजी का संघर्ष: महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई
1970 के दशक में जब महिलाओं के घर से बाहर निकलने पर पाबंदियां थीं, उस समय जीजी ने संघर्ष किया। जीजी ने महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों को लेकर आवाज उठाई। उस समय, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जोधपुर प्रवास पर पहुंचे, तब जीजी ने पांच महिलाओं के साथ पानी की समस्याओं के विरोध में मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने महिलाओं के हक और उनके संघर्ष की एक नई दिशा दी।
गुरुजी की प्रशंसा से जीजी को मिला प्रोत्साहन
जीजी ने पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़ प्रदर्शन ने एक बड़ा संदेश दिया। इस घटना ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में एक नई पहचान दी। गुरुजी ने केवल जीजी की हिम्मत की तारीफ की, बल्कि यह भी कहा कि इस प्रकार के साहसिक कदम समाज में बदलाव लाते हैं। इस घटना ने जीजी के राजनीतिक करियर को एक नई दिशा दी।