Rajasthan News: जालोर में एक बड़ी अतिक्रमण की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रशासन द्वारा गुरुवार को अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए करीब 70 मकान तोड़ दिए गए हैं। फिलहाल आज शुक्रवार को जोधपुर हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के कारण एक भी घरों को नहीं गिराया जाएगा।

जोधपुर कोर्ट में जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील श्याम पालीवाल ने पट्टा का हवाला देते हुए कहा कि वहां पर पिछले 80 सालों से लोग उन मकानों में रह रहे हैं।

हाईकोर्ट ने लगाई रोक
प्रशासन की यह कार्रवाई ओडवाड़ा गांव में की जा रही थी। जिस पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद रोक लगा दी गई है। अतिक्रमण की कार्रवाई का विरोध होते देख प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस के जवान भी तैनान किए गए थे। साथ ही जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहें।

कई सालों से रह रहे याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में बताया कि इन मकानों में हमारे परदादा- दादा से लेकर रहते आ रहे हैं। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा भी इन इलाकों में वेलफेयर डेवलपमेंट किया है। साथ ही बिजली पानी के कनेक्शन भी सभी को दिए हुए हैं। ऐसे में किसी के पिटीशन दायर करने पर हमें अतिक्रमी नहीं माना जा सकता है। 

हाईकोर्ट ने प्रशासन को दिया आदेश
हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगा दी। साथ ही प्रशासन को आदेश का पालन करने का भी निर्देश दिए हैं। वहीं अतिक्रमण की कार्रवाई पर सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने पक्ष रखा।

70 से अधिक मकान तोड़े जा चुके
जालोर के ओडवाड़ा गांव की 35 एकड़ जमीन को लेकर हाईकोर्ट ने चारागाह क्षेत्र मानते हुए कुछ दिन पहले अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रशासन ने 268 मकानों और बाड़ों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई में गुरुवार को ही 70 से अधिक मकानों को तोड़ा गया। लेकिन जोधपुर हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी।