Rajasthan News: जोधपुर की ACM रह चुकी प्रियंका विश्नोई का बुधवार की देर रात अहमदाबाद के हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया। प्रियंका करीब 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी। यहां से उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें सिम्स (अहमदाबाद) में भर्ती कराया गया था। प्रियंका के परिजनों ने हास्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
प्रियंका विश्नोई 2016 बैच की RAS (राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) अफसर थीं। उन्हें पेट में दर्द होने की शिकायत थी। जिसे डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने बच्चेदानी में गांठ होना बताया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करवाने की सलाह दी, जिसके चलते जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया गया। लेकिन उनकी तबीयक ऑपरेशन के बाद से बिगड़ गई। इस दौरान परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था।
परिवार वालों ने कलेक्टर को लिखा पत्र
इस मामले को लेकर प्रियंका के ससुर सेईराम विश्नोई ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उन्हें एनेस्थिसिया (बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। जिसकी वजह से हालत बिगड़ गई। हालांकि कलेक्टर की देखरेख में कमेटी गुरुवार 19 सितंबर से जांच शुरू करने वाली है।
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परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप
जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि एसडीएम प्रियंका के परिवार वालों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। जिसके लिए जांच कमेटी बनाई गई है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में अगर हास्पिटल की लापरवाही सामने आती है तो, तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अगस्त महीने में जोधपुर एसडीएम का संभाला पद
प्रियंका अगस्त महीने में ही जोधपुर एसडीएम पद जॉइन किया था। उनके पति विक्रम सिंह फलोदी में आबकारी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। दोनों की शादी वर्ष 2017 में हुई थी। प्रशंसनीय कार्य के लिए 15 अगस्त को प्रशासन द्वारा प्रियंका को सम्मानित भी किया था। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
हॉस्पिटल के ओर से आया जवाब
वसुंधरा हॉस्पिटल (जोधपुर) के डॉ. संजय मकवाना ने बताया कि प्रियंका विश्नोई के ब्रेन में जन्म से ही एक एवी मालफॉर्मेशन (ब्रेन की पतली दीवार) थी। यह सर्जिकल कोई कॉम्पिलकेशन नहीं था। डॉक्टर के अनुसार यह कम उम्र में कभी भी लीक कर सकता है। लेकिन यह ऑपरेशन के 24 घंटे की रिकवरी के बाद लीक हुआ। यह बात सीटी स्कैन में भी पता चली थी।