RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने हिंदुओं से मतभेद और विवाद मिटाकर एकजुट होने का आह्वान किया। शनिवार को उन्होंने राजस्थान के बारां में आयोजित 'स्वयंसेवक एकत्रीकरण' कार्यक्रम में यह बात कही। आरएसएस प्रमुख ने दोहराया कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। डॉ. भागवत ने यह भी कहा कि हिन्दू समाज निरंतर संवाद के माध्यम से सद्भाव और एकजुटता बनाए रखता है। कार्यक्रम में कुल 3827 स्वयंसेवक शामिल हुए। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी रमेश अग्रवाल, जगदीश सिंह राणा, रमेश चंद मेहता और वैद्य राधेश्याम गर्ग भी मौजूद रहे।

'हिंदू सभी को अपनाते हैं और सद्भावना से जीते हैं' 
संघ प्रमुख डॉ. भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) ने बारां के कृषि उपज मंडी परिसर में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को सुरक्षा के लिए भाषा, जाति और क्षेत्रीय विवादों को खत्म कर एकजुट होना आवश्यक है। हम प्राचीन काल से यहां (भारत में) रहते आ रहे हैं, भले ही 'हिंदू' शब्द बाद में आया हो। हिंदू सभी को अपनाते हैं और संवाद के जरिए एकजुटता और सद्भावना के साथ जीता है। उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने की अपील की और कहा कि समाज की कमजोरियों को दूर करने के लिए समुदायों के बीच व्यापक संपर्क बनाए रखना जरूरी है। 

स्वयंसेवकों से कहा- समुदायों के भीतर मजबूत संपर्क बनाएं 

  • डॉ. भागवत ने कहा, "समाज का निर्माण सिर्फ व्यक्तियों और उनके परिवारों से नहीं होता, बल्कि व्यापक दृष्टिकोण से होता है, जिससे आध्यात्मिक पूर्ति हासिल की जा सकती है। आरएसएस का काम किसी मशीन की तरह नहीं, बल्कि विचारों पर आधारित है। यह एक ऐसा अनूठा संगठन है, जहां समूह के नेताओं से लेकर स्वयंसेवकों और उनके परिवारों तक, सभी पर इसके मूल्यों का प्रभाव पड़ता है।"
  • संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को समुदायों के भीतर मजबूत संपर्क बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि समाज में सामाजिक समरसता, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही पर्यावरण जागरूकता, स्वदेशी मूल्यों और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि ये समाज की मूलभूत इकाइयां हैं।

डॉ. भागवत ने दोहराया- भारत एक हिन्दू राष्ट्र है
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा उसकी सबलता पर आधारित है। जब राष्ट्र मजबूत होता है, तब उसके प्रवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। इसके उलट अगर राष्ट्र कमजोर है तो उसके प्रवासियों को देश छोड़ने के आदेश दिए जाते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है और प्राचीन काल से यहां रहने वाले सभी लोग इसी पहचान से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू वह हैं जो सबको अपनाते हैं और सभी को स्वीकार करते हैं। हिन्दू का मानना है कि हम भी सही हैं और आप भी अपनी जगह सही हैं।