Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार 16 जनवरी से शुरू हो गया। मंगलवार को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन का अनुष्ठान किया जाना है। इसमें हजारों श्रद्धालु और सभी परंपराओं के संत महात्मा शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने खास इंतजाम किए हैं। प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन के बाद मंगलार को ही अयोध्या के सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान किया जाएगा।
18 को जल यात्रा, तीर्थपूजन 21 को मध्याधिवास
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने सोमवार को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया था कि 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति का परिसर में प्रवेश होगा। 18 जनवरी को जल यात्रा, तीर्थपूजन, जलाधिवास और गंधाधिवास, 19 की सुबह केसराधिवास, घृताधिवास, औषधाधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा। 20 की सुबह फलाधिवास, शर्कराधिवास और शाम को पुष्पाधिवास, 21 की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास और 22 जनवरी को मध्य अभिजीत मुहूर्त में प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है। प्राण-प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री मोदी, संघ प्रमुख मोहनराव भावगत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खास तौर पर उपस्थतित रहेंगे।
121 आचार्य संपन्न कराएंगे अनुष्ठान
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बतया कि अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाएं संपन्न कराने के लिए 121 आचार्य आमंत्रित किए गए हैं। काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। जबकि, श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ इन प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और मार्गदर्शन करेंगे। रामलला की श्यामवर्ण मूर्ति 18 जनवरी को गर्भगृह में प्रवेश करेगी और विशेष पूजा अर्चना के बीच 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस मूर्ति को कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाया है।