नई दिल्ली। ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी भारत के पहले ऐसे महामंडलेश्वर बन गए हैं, जिन्हें जगद्गुरु की उपाधि से अलंकृत किया गया है। भारत में अभी तक केवल चार शंकराचार्यों के नाम के आगे जगद्गुरु की उपाधि लगाई जाती है। सनातन धर्म को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने और करोड़ों लोगों के जीवन में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी को सनातन धर्म की यह सर्वोच्च उपाधि प्रदान की गई है। उन्हें यह उपाधि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के अवसर पर  निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी ने प्रदान की। हजारों संतों और महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी का पट्टा अभिषेक कर जगद्‌गुरु की उपाधि से विभूषित किया गया। जगद्गुरु की उपाधि से पूर्व उन्हें महाब्रह्मषि की उपाधि से भी विभूषित किया जा चुका है।

इन संतों की रही अगुवाई

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि जो सम्मान महामंडलेश्वर महा ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी को मिला है, वह सम्मान किसी संत के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक उत्कृष्टता की पहचान होता है। 
निरंजनी अखाड़े में आयोजित सम्मान समारोह में आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज,  महंत राम रतन गिरि, महंत ओमकार गिरि, महंत राधे गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी महेश नन्द, महंत दिनेश गिरी, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अन्नपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, स्वामी मीरा गिरि, स्वामी प्रेमानन्द पुरी, प्रो दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. राम सलाही द्विवेदी, प्रो. शिवशंकर मिश्र, स्वामी अनंतानंत सहित अनेक संत उपस्थित थे। इस सम्मान समारोह को दुनिया भर के लोगों ने लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा। आपको बता दें कि महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी को अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा सहित दुनिया की अनेक सरकारें अपनी पार्लियामेंट में बुलाकर सम्मानित कर चुकी हैं। उनके नाम पर अमेरिका में दिवस भी मनाया जाता है।