Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बने रामलला के भव्य मंदिर में सोने की परत चढे़ गेट लगाए जा रहे हैं। मंगलवार को स्वर्ण जड़ित गेट की पहली तस्वीर सामने आई तो भक्त प्रफुल्लि हो उठे। स्वर्ण जड़ित यह दरवाजा गर्भगृह के मुख्य द्वार पर लगाया गया है। मंदिर में ऐसे 14 दरवाजे लगाए जाने हैं, जिनमें करीब 100 किलो सोना उपयोग होने का अनुमान है।
अयोध्या नागर शैली में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर में 392 खंभे और 44 द्वार हैं। पहली मंजिल बनकर तैयार हो गई है। इसके लिए दरवाजे हैदराबाद की एक कंपनी तैयार कर रही है। दरवाजों में शानदार नक्काशी की गई है। इनमें शुभता के प्रतीक माने जाने चिह्नों व संकेतों के अलावा हाथी, घोड़े, कमलदल और झरोखे जैसे डिजाइन बनाई गई हैं।
श्रीराम जन्मभूमि के 380 फीट लंबे और 250 फीट चौड़े परिक्षेत्र में 161 फीट ऊंचा राम मंदिर बनाया जा रहा है। इसके हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट प्रस्तावित है। मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति फाइनल कर ली गई है। 22 जनवरी को विशेष मुर्हूत में प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। इससे पहले मंदिर को विशेष तरीके से सजाया जा रहा है। रामलला के लिए सोने और चांदी की प्लटे से बना भव्य आसन गर्भगृह में लगाया गया है। साउथ के एक कलाकार ने उनके चांदी की चरण पादुका बनाई है। जिन्हें देशभर के मंदिरों में दर्शन के लिए रखा जा रहा है। वहीं गुजरात के एक कलाकार ने रामलला की आंखें सोने में गढ़ी है।
अयोध्या राम मंदिर में यह भी खास
1. राम मंदिर का निर्माण परम्परागत नागर शैली में किया गया है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट है।
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
4. गर्भगृह में प्रभु राम के बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) होगा। साथ ही इसके प्रथम तल में श्रीराम दरबार होगा।
5. अयोध्या राम मंदिर में 5 मंडप बनाए गए हैं। इनमें रंग मंडप, सभा मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप शामिल है।
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं।
7. अयोध्या राम मंदिर में भक्तों को पूर्व दिशा से प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए बने सिंहद्वार में 32 सीढ़ियां बनाई गई हैं।
8. मंदिर परिसर में बुजुर्ग और विकलांग भक्तों के लिए रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था की जानी है।
9. मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण किया गया है। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
11. राममंदिर के पास प्राचीन सीताकूप है।
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला है। इसमें बने भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार और जटायु प्रतिमा की स्थापना की है।
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
16. राम मंदिर 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। ताकि, नमी से कोई नुकसान न हो।
17. मंदिर परिसर में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल और अलग पॉवर स्टेशन बनाया गया है।
18. 25 हजार क्षमता वाला दर्शनार्थी सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है। ताकि, दर्शनार्थियों को सामान रखने में असुविधा न हो। यहां लॉकर व चिकित्सा सुविधा भी मिलेगी।
19. अयोधा मंदिर परिसर में शौचालय, वॉश बेसिन, स्नानागार, ओपन टैप्स की भी सुविधा होगी।
20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।