Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद के लिए आज, मंगलवार का दिन बेहद अहम है। व्यास तहखाने में पूजा की इजाजत के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश की अदालत ने 31 जनवरी को हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा की इजाजत दी थी। इसी आदेश को मस्जिद का रखरखाव करने वाले अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने पहले सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था। इसके कुछ घंटे के बाद इंतेजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि व्यास जी का तहखाना में पूजा का विरोध करते हुए अंजुमन इंतेजामिया ने हाई कोर्ट का रुख किया था। आज फिर सुनवाई है। 

7 दिन का समय मिला, 7 घंटे में पूजा पाठ शुरू
मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया था कि वाराणसी की अदालत ने पूजा पाठ करने के लिए सात दिन का समय दिया था। लेकिन 7 घंटे के भीतर पूजा शुरू करा दी गई। ऐसी जल्दबाजी प्रशासन ने क्यों दिखाई। मुकदमा दायर करने के पीछे ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद पैदा करना उद्देश्य था, जहां नियमित नमाज होती है। इसलिए पूजा पाठ पर स्थगन आदेश दिया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को अपील को संशोधन अर्जी के जरिए 17 जनवरी के डीएम को रिसीवर नियुक्त करने के मूल आदेश को चुनौती देने की अनुमति दी थी। महाधिवक्ता ने कानून व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया था। 

ज्ञानवापी केस में एक और अर्जी दाखिल, आज ही सुनवाई
सोमवार, 5 फरवरी को ज्ञानवापी विवाद में एक और अर्जी दाखिल की गई है। यह अर्जी हिंदू पक्ष की तरफ से है। इसमें मांग की गई है कि ज्ञानवापी के शेष तहखानों का भी सर्वे कराया जाए। याचिकाकर्ता राखी सिंह वादी हैं। वकील अनुपम द्विवेदी का कहना है कि एएसआई सर्वे पहले ही कर चुका है। एएसआई ने कहा है कि वहां कुल 12 तहखाने हैं। लेकिन वे उनमें से कुछ तक नहीं पहुंच सके। हमने इसके लिए आवेदन दिया है कि जो बेसमेंट बचे हैं उनका सर्वे हो। मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।