Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का समापन हो गया है। अब शेष रह गई हैं कभी न भूलाने वाली यादें। आस्था के इस महासमुद्र में कुछ ऐसी बातें भी सामने आईं, जो कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं। ये है- ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा। जी हां, उमड़े जनसैलाब के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन के जवानों ने ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की अद्वितीय मिसाल पेश की और श्रद्धालुओं के दिलो-दिमाग में एक अमित छाप छोड़ने में कामयाब रहे। 

बिछ्ड़ों को अपनों से मिलवाया 
महाकुंभ मेले में तैनात पुलिस जवानों ने 15 देशों और 20 से अधिक राज्यों के बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलवाया है। इस दौरान पुलिस जवानों ने न केवल लाखों की नकदी, गहने और आईफोन सहित अन्य कीमती सामान श्रद्धालुओं को लौटाए, बल्कि बीमार होने पर उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाखों बुजुर्गों को संगम स्नान करने में मदद किया। बीमारों को सीपीआर देकर जान बचाई। उनके इस पुनीत काम की गूंज रूस, अमेरिका और जर्मनी समेत अन्य देशों तक पहुंची।

प्रभारी आईजी डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने कहा, हमारे जवानों ने जान की परवाह किए बिना श्रद्धालुओं की मदद की है। उनकी ईमानदारी और सेवाभाव की चर्चा सात समंदर पार भी हो रही है। विदेशी श्रद्धालु भी महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना कर रहे हैं।  

महाकुंभ मेला: ईमानदारी की मिसाल पेश करती कुछ घटनाएं 

  • 17 फरवरी को जयपुर के पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत पत्नी और दिनेश राठौर के साथ महाकुंभ मेला पहुंचे। जहां उनका पर्स खो गया। पर्स में 2 आईफोन, 69 हजार नकद, सोने की चेन, दो अंगूठियां और एटीएम कार्ड थे। 42वीं वाहिनी पीएसी नैनी प्रयागराज के शिविरपाल अरविंद सिंह ने अरैल घाट में  इसे खोजा। पर्स में मिले मोबाइल नंबर पर कॉल कर बुलाया और पर्स सौंप दिया।
  • रायपुर की राजकुमारी यादव की महाकुंभ मेले में अचानक तबीयत बिगड़ गई। 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा डी दल के आरक्षी प्रशांत कुमार और रवेन्द्र सिंह ने तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया। उपचार के बाद वह स्वस्थ्य हैं। 
  • 29 जनवरी को रूस की रीता अपनों के साथ संगम स्नान के लिए महाकुंभ जा रही थीं। रात में वह साथियों से बिछड़ गईं और भटकते हुए पाल बस्ती मवैया पहुंच गईं। वहां ड्यूटी पर मौजूद 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी ई दल के आरक्षी अमरदीप ने उन्हें साथियों तक पहुंचाया। 
  • 15 जनवरी को जर्मनी से आए एक श्रद्धालु रास्ता भटक गए थे। उन्हें नवावगंज जाना था, लेकिन पहुंच नहीं पा रहे थे। लिहाजा, ड्यूटी पर उपस्थित 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा एच दल के आरक्षी राजू सिंह ने उन्हें नवावगंज पहुंचाया। 
  • 15 जनवरी को बेंगलुरु की शोभा को चोट लग गई थी। 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी एफ दल के आरक्षी सुरजीत यादव ने एम्बुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई। 
  • 24 जनवरी को संगम मार्ग पर विवेक भारती को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ा। लिहाजा, वहां तैनात 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद जी दल के आरक्षी गुरदीप और कपिल कुमार ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया और उपचार कराया। परिवार वालों को सूचित कर कार से उन्हें घर भेज दिया।