Premanand Maharaj: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा में बदलाव हुआ है। यात्रा का रूट, समय और तरीका बदल गया है। शनिवार (8 फरवरी) को प्रेमानंद महाराज ऑडी कार से केली कुंज आश्रम पहुंचे। रोज रात 2 बजे निकलने वाले महाराज शनिवार को तड़के 4 बजे निकले। महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से कार में बैठकर प्रेम मंदिर के सामने से रमण रेती पुलिस चौकी होते हुए केली कुंज आश्रम पहुंचे। इस रूट से केली कुंज आश्रम की दूरी आधा किमी बढ़ गई। रास्ते में भक्तों ने सड़क पर झुककर प्रेमानंद महाराज को प्रणाम किया। 

पदयात्रा अनिश्चित काल के लिए बंद करने की सूचना 
बता दें कि दो दिन पहले आश्रम प्रबंधन ने प्रेमानंद महाराज की रात दो बजे निकलने वाली पदयात्रा अनिश्चित काल के लिए बंद करने की सूचना दी थी।पदयात्रा स्थगित करने के पीछे महाराज के स्वास्थ्य सही न होने और बढ़ती भीड़ का हवाला दिया था। इस सूचना से भक्त मायूस हो गए थे। शनिवार को संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से कार में बैठकर केली कुंज आश्रम पहुंचे। महाराज की कार निकलने के बाद भक्तों ने सड़क पर झुककर प्रणाम किया।

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4 फरवरी को महिलाओं ने जताया विरोध 
बता दें कि संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान 2 दिन पहले विवाद हुआ था। सोसायटी की महिलाओं ने 4 फरवरी को यह कहते हुए विरोध जताया था कि यात्रा के दौरान तेज आवाज में ढोल और आतिशबाजी की जाती है। इससे उनकी नींद खराब होती है। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन से शिकायत भी की थी। विरोध के दो दिन बाद 6 फरवरी को आश्रम प्रबंधन ने प्रेमानंद महाराज की यात्रा अनिश्चित काल के लिए बंद करने की सूचना दी थी।

कानपुर में हुआ था महाराज का जन्म 
प्रेमानंद महाराज का कानपुर के अखरी गांव में जन्म और पालन-पोषण हुआ। यहीं से निकलकर वो इस देश के करोड़ों लोगों के मन में बस गए। प्रेमानंद महाराज ने काशी में गुरु गौरी शरण जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। वर्तमान में संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसायटी में रहते हैं।