Mayawati Big Decision On Birthday: बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती का सोमवार को 68वां जन्म दिन है। इस मौके पर उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने पुराना रुख दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि चुनाव बाद गठबंधन की गुंजाइश बरकरार रखी। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव खत्म होने के बाद गठबंधन के बारे में विचार कर सकती है। 

विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में जाने की अटकलों पर मायावती ने कहा, 'गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव हमारे लिए कभी फायदेमंद नहीं रहा है। गठबंधन से हमें फायदा कम और नुकसान ही ज्यादा होता है। इसी वजह से देश की ज्यादातर पार्टियां बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती हैं। चुनाव के बाद अगर संभव हुआ तो गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। लेकिन चुनाव बसपा अकेले लड़ेगी।' 

लोगों को फ्री राशन देकर गुलाम बना रही सरकार
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र और राज्य सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल लोगों का उत्थान करने के बजाय उन्हें कुछ मुफ्त राशन देकर उन्हें अपना 'गुलाम' बनाने की कोशिश कर रहा है। लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने और उन्हें रोजगार देने के बजाय, केंद्र और राज्य (यूपी) सरकारें उन्हें कुछ मुफ्त राशन प्रदान कर रही हैं। जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में थी तो हमने लोगों को सशक्त बनाने के लिए रोजगार प्रदान किया था।

मैं संन्यास नहीं लूंगी
मायावती ने उन दावों का भी खंडन किया कि वह राजनीति से संन्यास ले सकती हैं और कहा कि वह अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि पिछले महीने मैंने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। जिसके बाद मीडिया में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मैं जल्द ही राजनीति से संन्यास ले सकती हूं। लेकिन यह सिर्फ अटकलें हैं। इनमें कोई सत्यता नहीं है। 

राम मंदिर और मस्जिद, दोनों का स्वागत
मायावती ने कहा कि हमने अपनी सरकार में लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का अवसर दिया था। लेकिन वर्तमान में यह होता नहीं दिख रहा है। केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आड़ में राजनीति कर रही है। इससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का भी स्वागत है और जब मस्जिद बनेगा तो उसका भी स्वागत है। 

अखिलेश पर किया अटैक
मायावती ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने गिरगिट की तरह बयान बदला। 

विधानसभा चुनाव में महज 12 फीसदी मिले वोट
दलितों की पार्टी कही जाने वाली बसपा 1990 और 2000 के दशक में उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख राजनीतिक ताकत थी, लेकिन पिछले दशक में इसमें धीरे-धीरे गिरावट देखी गई। 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को केवल 12.8 प्रतिशत वोट मिले, जो लगभग तीन दशकों में सबसे कम है।