UP Politics : उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मिली करारी हार से सपा और बसपा नेताओं को बड़ा धक्का लगा है। बसपा प्रमुख मायावती ने दोबारा उपचुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। जबकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासनिक दुरुपयोग और बूथ लूटने का आरोप लगाया है। दोनों नेताओं ने संभल जामा मस्जिद विवाद भी प्रतिक्रिया दी है।
मायावती ने EVM पर सवाल उठाते हुए कहा, इसकी मदद से फर्जी मतदान होता है। उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया है। बीएसपी को कमजोर करने की लगातार साजिशें की जा रही हैं। हमारी पार्टी अब कभी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। साथ चुनावों की निष्पक्षता के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा-
- बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, यूपी उपचुनाव के नतीजे चौकाने वाले हैं। पहले चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर फर्जी वोट डाले जाते थे और अब तो EVM की मदद से यह कार्य किया जा रहा है। लोकतंत्र के लिए यह बहुत दुखद और चिंतनीय है।
- लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ खासकर उपचुनावों में सत्तारूढ़ उल यह कार्य खुलकर करते हैं। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी हमें यह देखने को मिला है है।
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी इसे लेकर काफी आवाज उठाई जा रही है। ऐसी चुनाव प्रक्रिया हमारे देश और लोकतंत्र के लिए खतरे की बड़ी घंटी है। देश में जब तक फर्जी वोटिंग रोकने के लिए चुनाव आयोग सख्त कदम नहीं उठाता। तब तक हमारी पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।
- मायावती ने कहा, हमारी पार्टी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव पूरी तैयारी और दमदारी के साथ लड़ेगी।
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अखिलेश यादव ने क्या कहा
- अखिलेश यादव ने कहा, चुनाव के दिन बहुत लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया। हमारे लोग बूथ तक पहुंच ही नहीं पाए और उनके वोट पड़ गए। बूथ एजेंटों को बाहर निकाल दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि जो लोग बूथ नहीं पहुंचे, उनके वोट किसने डाले और कैसे डाले।
- अखिलेश यादव ने कहा, वोटिंग के दिन बहुत सारे वीडियो सामने आए हैं। हम लोग सोशल मीडिया के जरिए से चुनाव आयोग और अधिकारियों को लगातार जानकारी देते रहे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।
- अखिलेश यादव ने कहा, मैंने कुंदरकी के सपा प्रत्याशी का वीडियो देखा है। वह वोट डालने निकले तो उन्हें पता चला कि सपा एजेंट को पोलिंग बूथ से बाहर कर दिया गया है। आखिर इस कृत्य के पीछे पुलिस प्रशासन की मंशा क्या थी।
- पोलिंग बूथ में जब विपक्षी पार्टियों के एजेंट रहेंगे ही नहीं तो निष्पक्ष चुनाव कैसे होगा। जो लोग वोट डालने जा रहे थे, उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।