Prayagraj Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले में सभी अखाड़ों के संत महात्मा आए हुए हैं। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के पीठाधीश आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का महाकुंभ नगरी में शाही प्रवेश हुआ। 14 दिसंबर को उनकी पेशवाई निकाली गई थी। उनके शिष्यों ने यहां श्रीमद्भागवत कथा और सिद्धिकारक शिविर आयोजित किया है। इस शिविर में देशभर से हजारों शिष्य परिवार के साथ शामिल होंगे। 

महाकुंभ में आध्यात्मिक अनुष्ठान 
प्रभुप्रेमी संघ चैरिटेबिल ट्रस्ट, पराशक्ति धर्मार्थ ट्रस्ट और एन्शिऐंट हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा 6 से 12 जनवरी तक होगी। इसमें विभिन्न आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक अनुष्ठान होंगे। आध्यात्मिक अनुष्ठान के तौर पर यहां श्री पंचदेव महायज्ञ, श्रीनवचंडी यज्ञ, महारुद्राभिषेक, सर्वदेव अर्चना, नवग्रह शांति पाठ, श्री विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा पाठ, हरिनाम संकीर्तन बालाजी पूजा का कार्यक्रम होगा। 

Prayagraj Maha Kumbh 2025

महाकुंभ में वैचारिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान 
वैचारिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान के तौर पर भागवत कथा में व्याख्यान, संगोष्ठी, महिला सशक्तिकरण सम्मेलन, व्यक्ति विकास शिविर, योग ध्यान शिविर, प्रतिभा जागरण कार्यशाला, आहार शुद्धि परिचर्चा, जीवन प्रबंधन कार्यशाला, विविधि प्रदेशिक नृत्य शिविर, सामजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। 

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अमृत महाकुंभ स्नान 
प्रभुप्रेमी संघ की ओर से प्रयागराज महाकुंभ में 5 जनवरी से 10 फरवरी तक अभ्युदय श्रेयस प्रदाता सिद्धिकारक कुंभ शिविर आयोजित किया गया है। इस शिविर में श्रद्धालुओं को पुण्यस्नान, यज्ञ, सर्वदेवार्चन, महाभिषेक जप-ध्यान  और आत्मोत्थान के लिए आमंत्रित किया गया है। 14 जनवरी, 29 जनवरी और 3 फरवरी को अमृत महाकुंभ स्नान का शुभ योग है। इसमें भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। 

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पेशवाई में शामिल हुए यह संत 
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज प्रयागराज महाकुंभ में पहुंच चुके हैं। सोमवार (16 दिसंबर) को महाकुंभ नगरी में राजसी अंदाज में उनकी पेशवाई निकाली गई। इस पेशवाई में महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी महाराज, स्वामी नरेंद्रानंद गिरि महाराज, जापान की माता कैला गिरि (केको आइकावा), स्वामी महेंद्रानंद गिरि, यूक्रेन की माता एनकिंडा लायला और अन्य महामंडलेश्वर शामिल हुए। 

कौन हैं स्वामी अवधेशानंद गिरि ?
स्वामी अवधेशानंद गिरि जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। जूना अखाड़ा नागा साधुओं का बहुत पुराना और बड़ा समूह है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने करीब 10 लाख नागा साधुओं को दीक्षा दी है। वह उनके पहले गुरु भी हैं। स्वामी अवधेशानंद एक हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत, लेखक और दार्शनिक हैं। हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष और वर्ल्ड काउंसिल ऑफ रिलीजियस लीडर्स के बोर्ड मेंबर हैं। उनका आश्रम कनखल, हरिद्वार में है।