Ram Lalla Pran Pratistha Day 3 Ayodhya News Updates: अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार को तीसरा दिन है। इससे पहले राम लला की मूर्ति बुधवार देर शाम नवनिर्मित भव्य राम मंदिर पहुंची। इसे क्रेन की मदद से उठाकर गर्भगृह में रखा गया, जहां इसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले स्थापित किया जाएगा। अनुष्ठान और अयोध्या जुड़ी पल-पल की खबरों को पढ़िए...
Ayodhya Live Updates...
- गुरुवार को गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की गई। इससे पहले दोपहर 12:30 बजे भगवान राम की मूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर 1:20 बजे यजमान द्वारा प्रधानसंकल्प होने पर वेदमंत्रों की ध्वनि से वातावरण मंगलमय हुआ। मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को हुए।
- गुरुवार शाम सरयू तट पर गंगा की तर्ज पर महाआरती की गई। इस दौरान पुरोहितों के समूह ने वैदिक मंत्रोच्चरों का उच्चारण करते हुए सरस सलिला सरयू नदी और रामलला की आरती उतारी। आरती में भगवान राम के हजारों भक्त भी शामिल हुए।
- स्वामी सुनील दास ने श्रीराम राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी का आचार्यवर्णम अनुष्ठान पूरा किया। यह अनुष्ठान काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें मुख्य पुजारी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह कराने का अधिकार मिलने के बाद उनका सम्मान किया जाता है।
- राम मंदिर के उद्घाटन से पहले साइबर खतरों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने एक हाई लेवल साइबर एक्सपर्ट टीम को उत्तर प्रदेश के अयोध्या भेजा है। इस टीम में MHA के I4C सदस्य, Meity अधिकारी, IB, CERT-IN अधिकारी और साइबर मामलों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
- यूपी के मंत्री जयवीर सिंह ने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को फिरोजाबादी सुप्रसिद्ध कांच का कड़ा सौंपा। 10,000 कड़ों पर 'जय श्री राम' अंकित है।
- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर केरल स्नेहम आश्रम के पुजारी सुनील दास ने कहा, 'पूरी दुनिया में विशेष निमंत्रण भेजा जाता है। पूरा ब्रह्मांड यहीं है। 'सर्व देवता' यहां हैं।' सर्व देवता स्वरूपम' श्री राम यहां हैं। भावना यह है कि अयोध्या ने सार्वभौमिक शांति और 'प्रेम' फैलाया है। यह प्रेम का अवतार है। भावना विश्व शांति और व्यक्तिगत शांति की है।'
- भगवान राम की मूर्ति को गर्भगृह में रखा गया है। इससे पहले राम मंदिर के निर्माण से जुड़ी ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। जिसमें मंदिर का विहंगम दृश्य और नक्काशी नजर आई।
- बेंगलुरु का एक ग्रुप बेंगलुरु से अयोध्या की यात्रा के दौरान भजन गाते हुए आया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बेंगलुरु, कोलकाता और अयोध्या के बीच पहली एयर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान को हरी झंडी दिखाई।
- तमिलनाडु के श्रीरंगम में रंगनाथस्वामी मंदिर के मुख्य पुजारी सुंदर भट्टर ने कहा, 'अयोध्या का श्रीरंगम से बहुत गहरा संबंध है। अयोध्या में सरयू नदी है और यहां कावेरी है। दोनों पवित्र नदियां हैं। अयोध्या जाने वाले सभी भक्त श्रीरंगम आते हैं। हमें श्रीरंगम और अयोध्या पर बहुत गर्व है। हम अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे।'
- पुजारी संतोष तिवारी ने गुरुवार सुबह राम जन्मभूमि स्थल (गर्भगृह) का पूजन किया। मकराना श्वेत संगमरमर से बने सिंहासन पर रामलला विराजेंगे।
- उत्तराखंड से मां नंदा महिला रामलीला समिति से जुड़ी महलाएं अयोध्या पहुंचीं। गुरुवार सुबह सभी ने रामलला के दर्शन किए। महिलाएं रामलीला करने के लिए आई हैं।
- लता मंगेश्कर चौक पर यूपी एटीएस कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। वहीं, चप्पे चप्पे पर पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं।
रामलला की मूर्ति का वजन 200 किलो
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति श्यामल पत्थर से बनाई है। इसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है। बुधवार को मूर्ति को मंदिर परिसर में भ्रमण कराना था, लेकिन भारी होने के कारण 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई। मंदिर भ्रमण एक शोभायात्रा के शक्ल में थी। कुछ देर के लिए अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर पर भी इसे रोका गया। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में विशेष पूजा की गई।
गर्भगृह में मूर्ति स्थापित होने की संभावना
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, 'रामलला की मूर्ति को गुरुवार को गर्भगृह में स्थापित किए जाने की संभावना है। मूर्ति को नए राम मंदिर परिसर में ले जाने की तैयारी बुधवार रात से ही चल रही थी। देर रात क्रेन की मदद से मूर्ति को शोभायात्रा के लिए फूलों से सजाए गए ट्रक पर रखा गया। बुधवार को प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान डॉक्टर अनिल मिश्रा ने सरयू नदी के तट पर पूजन किया। इसके बाद 9 महिलाएं कलश सिर पर रखकर निकलीं। पीछे से हजारों महिलाएं कलश यात्रा में शामिल हुईं। मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ।
18 जनवरी, गुरुवार को होंगे ये अनुष्ठान
गुरुवार दोपहर 1:20 बजे संकल्प होगा। उसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य - प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन और आरती होगी।