Akhilesh Yadav and Mayawati: अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक X एकाउंट पर मैसेज पोस्ट कर बसपा के संगठनात्मक बदलाव पर सवाल उठाए। कहा, निश्चचित ही यह उनका आंतरिक विषय है, लेकिन यह निर्णय हार की आशंका और खिसकते वोटबैंक को साधने के लिए किए जा रहे हैं।  मायावाती ने इस पर पलटवार किया है।  X पर लिखा कि दलित विरोधी सपा बसपा के आंतरिक फैसलों पर कुछ न ही बोले तो उचित होगा। वह अपने परिवार और यादव प्रत्याशियों की चिंता करें। 
 

अखिलेश बोले-बसपा नहीं जीत रही कोई सीट 
अखिलेश ने दावा किया कि बसपा का प्रभाव क्षेत्र में भी कोई सीट आती नहीं दिख रही। शेष चार चरणों में तो संभावना भी नहीं बचती। इसलिए आप लोग अपना वोट ख़राब न करें। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के संविधान को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को वोटकर संविधान और आरक्षण को बचाएं। 

परिवार के प्रत्याशियों की चिंता करे सपा नेतृत्व 
मायावती ने अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए लिखा, सपा नेतृत्व चुनाव में उतारे गए अपने परिवार और यादव प्रत्याशियों की चिन्ता करें, क्योंकि सबका हाल बेहाल है। सपा का चाल, चरित्र व चेहरा दलित, अति-पिछड़ा व संविधान विरोधी है। प्रमोशन में आरक्षण खत्म करना और संसद में बिल फाड़ने जैसे इनके काम माफ नहीं किए जा सकते।

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जातिवादी सोच के कारण बदले थे नाम 
मायावती ने सपा सरकार के निर्णयों की आलोचना करते हुए लिखा, बीएसपी सरकार ने बहुजन समाज में जन्मे संत-गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों के नाम रखे थे, लेकिन जातिवादी सोच के कारण सपा सरकार इन्हें बदल दिया, जो इतिहास में काले कारनामों में दर्ज है।