Gyanvapi Case Updates: वाराणसी कोर्ट से पूजा-पाठ की अनुमति मिलने के बाद ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने में दैनिक आरती और पूजा पाठ शुरू हो गया है। गुरुवार सुबह साढ़े 3 बजे मंगला आरती की गई। दोपहर 12 बजे भगवान गणेश और लक्ष्मी को भोग भी लगाया गया। 31 साल बाद पहली बार हुए पूजा पाठ का वीडियो सामने आया है। उधर, वाराणसी अदालत के फैसले के खिलाफ इंतेजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
यह है आरती और भोग का समय
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि व्यास तहखाने में गुरुवार सुबह 3:30 बजे मंगला आरती की गई और दोपहर 12 बजे भोग लगाया गया। अब तक दो आरती हो चुकी है। इसके बाद शाम 4 बजे, 7 बजे और रात साढ़े 10 बजे शयन आरती की जाएगी। जैन ने कहा हर दिन 5 आरती होगी।
जितेंद्र नाथ व्यास बोले- हम सभी भक्त खुश
व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्र नाथ व्यास को तहखाने में पूजा पाठ करने की अनुमति मिली है। उन्होंने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हमें वहां पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति मिल गई है। उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश पर पहली बार बुधवार रात 11 बजे पहली आरती की गई। पूजा के समय काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पांच पुजारी, व्यास परिवार के सदस्य, वाराणसी के डीएम और कमिश्नर वहां मौजूद थे।
हिंदू पक्ष ने दाखिल की कैविएट
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुम इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हिंदू पक्ष ने हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल कर मांग की है कि याचिका पर सुनवाई से पहले उसकी सुनवाई की जाए।
मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि आदेश में 2022 की एडवोकेट कमिश्नर रिपोर्ट, एएसआई की रिपोर्ट और 1937 के फैसले को नजरअंदाज किया गया है, जो हमारे पक्ष में था। हिंदू पक्ष ने इस बात का कोई सबूत नहीं रखा है कि 1993 से पहले तहखाने में पूजा होती थी। उस स्थान पर ऐसी कोई मूर्ति नहीं है।
ज्ञानवापी मस्जिद में चार 'तहखाने' हैं, जिनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है। व्यास परिवार ने याचिका दायर की थी कि उनकी वंशावली पूजा करती आ रही है। लेकिन 1993 से पूजा पाठ बंद है। इसलिए उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए।
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ज्ञानवापी मामले की टाइमलाइन
- वाराणसी अदालत ने बुधवार को हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास का तेखाना' क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दी।
- कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा। दोपहर 3 बजे अदालत का फैसला आया।
- रात 11 बजे प्रशासनिक अधिकारियों के सामने तहखाने की सफाई की गई। इसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती की गई।
- बुधवार रात करीब 9.30 बजे काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को बुलाया गया और मस्जिद के 'वजुखाना' के सामने नंदी की मूर्ति के सामने लगे बैरिकेड्स हटा दिए गए।
- एएसआई सर्वेक्षण से पता चला है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक हिंदू मंदिर के अवशेषों पर किया गया था।
- हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने तहखाना में दैनिक आरती का समय पोस्ट किया। उन्होंने कहा हर दिन पांच समय आरती, भोग और पूजा पाठ होगा।
- गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने तत्काल सुनवाई के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन रजिस्ट्रार ने उन्हें पहले हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा।
- मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि प्रशासन ने रात के अंधेरे में पूजा पाठ शुरू कराई। जबकि इस जल्दबाजी का कोई कारण भी नहीं है। ट्रायल कोर्ट ने इंतजाम करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है।