LCA Tejas Mark 1A Fighter Jet: तेजस मार्क-1A फाइटर जेट की पहली उड़ान गुरुवार, 28 मार्च को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तन एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की फैसिलिटी में सफलतापूर्वक पूरी हुई। फाइटर जेट करीब 18 मिनट तक आसमान में दहाड़ता रहा। इसका संचालन एचएएल के मुख्य परीक्षण पायलट (फिक्स्ड विंग) ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) केके वेणुगोपाल ने किया। इसे पहले ही भारतीय वायु सेवा में शामिल किया जा चुका है।
तेजस एमके-1ए या एलसीए एमके1ए का निर्माण एचएएल ने किया है। इसे बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ लैब एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा विकसित किया गया है।
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मैनुअल कंट्रोल को हटाकर इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरफेस का इस्तेमाल
कुछ समय पहले इस विमान में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर को लगाया गया था। फाइटर जेट में मैनुअल फ्लाइट कंट्रोल को हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरफेस लगाया गया है। इससे बहुत सारी चाजें कंप्यूटर के हाथ में चली जाती है। वही विमान को पायलट के मुताबिक संतुलित और नियंत्रित रखता है।
इस सिस्टम की वजह से डिजिटल रडार अलर्ट रिसीवर, एलिवेटर, फ्लैप्स और इंजन पर नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक रूप होता है।
वायुसेना को 180 फाइटर जेट्स की जरूरत
भारतीय वायुसेना को 180 तेजस फाइटर जेट्स की जरूरत है। एचएएल ने 8,802 करोड़ रुपये के 40 तेजस एमके1 ऑर्डर में 32 सिंगल-सीट एलसीए फाइटर्स और आठ ट्विन-सीट ट्रेनर्स में से दो की डिलीवरी की है। अब उसे मार्च 2024-फरवरी 2028 में 83 तेजस एमके-1ए की डिलीवरी शुरू करनी होगी। 2021 में 83 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट के लिए 46,898 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ था।
पीएम मोदी ने भरी थी उड़ान
23 नवंबर, 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2023 में डिलीवर किए गए ट्रेनर में उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग डैगर्स' और 'फ्लाइंग बुलेट्स' हैं। जिनमें से एक अब पाकिस्तान के सामने दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है।