User's Data Leak : भारतीय टेलीकॉम की लीडिंग कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के करोड़ों यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक हो गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सिक्योरिटी ऑडिट करने के लिए कहा है। भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के करोड़ों यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक हो गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 75 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। इससे भनक लगते ही केंद्र ने बड़ा फैसला लेते हुए सिक्योरिटी ऑडिट करने के आदेश दिए हैं। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने देश के सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सिक्योरिटी ऑडिट करने के आदेश हैं।
75 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा लीक
आपको बता दें कि भारत में स्थित साइबर सुरक्षा फर्म CloudSEK द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हैकर्स डार्क वेब पर 1.8 टेराबाइट डेटा बेच रहे हैं, जिसमें भारत के टेलीकॉम यूजर्स की पर्सनल जानकारी शामिल है। लीक हुए डेटा में आम यूजर्स के बारे में कई संवेदनशील जानकारियां शामिल हैं। इसमें यूजर्स के नाम, मोबाइल नंबर, और उनका पता शामिल हैं। कथित तौर पर यूजर्स के आधार कार्ड का डेटा भी लीक हुआ है। CloudSEK के मुताबिक, यह उल्लंघन व्यक्तियों और संगठनों के लिए एक बड़ा साइबर हमले का खतरा है।
द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों ने DoT को सूचित किया है कि लीक हुई जानकारी विभिन्न टेलीकॉम यूजर्स के पुराने डेटा सेट का कलेक्शन है। कंपनियों ने भारत सरकार के दूरसंचार विभाग को बताया है कि यह डेटा ब्रीच टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बुनियादी ढांचे में किसी तकनीकी कमी के कारण नहीं हुआ है। CloudSEK के थ्रेट इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी रिसर्चर स्पर्श कुलश्रेष्ठ ने बताया है कि लीक हुआ डेटा वाकई में असली है। उनसे जुड़े कॉन्टैक्ट नंबर और आधार कार्ड डिटेल वैलिड पाए गए हैं। 75 करोड़ से अधिक यूजर्स की जानकारी डार्क वेब पर सिर्फ 3 हजार डॉलर में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई गई है।
डेटा लीक से क्या नुकसान होगा?
इस डेटा का उपयोग करके हैकर्स किसी भी आम यूजर्स पर साइबर अटैक कर सकते हैं। यूजर्स के पहचान की चोरी की जा सकती है। इसका दुरुपयोग करके हैकर्स यूजर्स या उनके जानकारों को ठग सकते हैं। यूजर्स के साथ किसी भी तरह की वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है। टेलीकॉम विभाग अब जांच कर रहा है कि इस डेटा के लीक होने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं। वहीं, Jio, Airtel, Vi और अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने अभी तक इस स्थिति पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।