MHA Issues Warning For Online Gaming: गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की साइबर विंग ने एक चेतावनी जारी कर लोगों से ऑनलाइन गेमिंग में सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही साइबर विंग के तहत काम करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14C) ने अलर्ट मैसेज जारी किया है। जिसमें कहा है कि स्मार्ट खेलें, सुरक्षित खेलें- ऑनलाइन गेमिंग के दौरान सुरक्षित रहें। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आसान टिप्स भी सुझाए हैं। 

साइबर विंग की ये 5 बड़ी सलाह

  • ऑनलाइन ऐप्स केवल Google Play Store, Apple Store और आधिकारिक वेबसाइट्स से ही डाउनलोड करें।
  • वेबसाइट की वैधता सुनिश्चित करने के लिए गेम ऐप प्रकाशकों की जानकारी हमेशा जांचें।
  • कभी भी गेम इन-ऐप खरीदारी और आकर्षक सब्सक्रिप्शन ऑफर के जाल में न फंसें।
  • सोशल मीडिया या ऑनलाइन गेमिंग के चैट पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतें। 
  • अगर फ्रॉड हुआ है तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें। 

15 दिसंबर तक कुल 581 ऐप्स ब्लॉक
केंद्र ने पिछले साल 15 दिसंबर तक कुल 581 ऐप्स को ब्लॉक किया है। इनमें से 174 सट्टेबाजी और जुए वाले ऐप्स थे। जबकि 87 का इस्तेमाल लोन देने वाले ऐप्स के तौर पर हो रहा था। इन ऐप्स को MHA की सिफारिशों पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था। इन ऐप्स को IT एक्ट, 2000 की धारा 69A के तहत ब्लॉक किया गया था। इन गेमिंग एप्लिकेशन में PUBG, GArena Free Fire शामिल थे।

पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने ने IGST अधिनियम में संशोधन किया। इसके बाद से सभी ऑफशोर गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य हो गया। अधिनियम से केंद्र सरकार को एक अधिकार मिल गए। अब वह ऐसे सभी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर सकती है, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं। 

महादेव सट्टेबाजी ऐप रहा सबसे चर्चित
केंद्र सरकार ने महादेव ऐप के अलावा Parimatch, Fairplay, 1XBET, Lotus365, Dafabet और Betwaysatta पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें से कुछ रजिस्टर्ड नहीं थे और कुछ भारत में अवैध रूप से काम कर रहे थे। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि I4C की सिफारिश पर 500 से ज्यादा इंटरनेट आधारित एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया गया है। 

जल्द जेल और अदालतें होंगी ऑनलाइन
शाह ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ I4C के कामकाज की समीक्षा करते हुए यह बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र ने देश में शीर्ष 50 साइबर हमलों के तौर-तरीकों की एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की है। शाह ने तब कहा था कि सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं। आने वाले दिनों में जेल और अदालतों की लगभग 70 प्रतिशत आपराधिक न्याय प्रणाली ऑनलाइन होंगी।

शाह ने कहा कि पोर्टल cybercrime.gov.in पर 20 लाख से अधिक साइबर-अपराध की शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसके आधार पर 40,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं जनवरी 2020 में लॉन्च होने के बाद से इस पोर्टल पर 13 करोड़ हिट दर्ज किए गए हैं।